Hazrat Nizamuddin Auliya's thoughts and ideals are a source of inspiration for people, Prime Minister Modi's message
मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
प्रसिद्ध मुस्लिम सूफी और आध्यात्मिक संत, हजरत निजामुद्दीन औलिया चिश्ती का उर्स पारंपरिक रूप से हर साल पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है, इस बार उनके 720 वें यौम ए वफ़ात के मौके पर पांच दिवसीय सालाना उर्स का आगाज़ बुधवार को हुआ. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संदेश भेज कर उनके अनुयायियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है. साथ ही कहा कि उनके विचार और आदर्श बड़ी संख्या में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
शांति के आदर्शों को बढ़ावा देने में फकीरों, पीरों….
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में आगे कहा है कि भारत अपनी विविधता और सामाजिक-सांस्कृतिक एकता के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है. जहां विभिन्न संप्रदायों, समुदायों और परंपराओं की जीवंतता ने हमारे समाज की नींव को मजबूत किया है. शांति के आदर्शों को बढ़ावा देने में फकीरों, पीरों और संतों के योगदान से हमारी संस्कृति का यह असाधारण पहलू और मजबूत हुआ है.
निजामुद्दीन औलिया लोगों के दिल और दिमाग में है
भाईचारा और करुणा, सूफी संतों का योगदान न केवल हमारे सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने में है, बल्कि इस भूमि के साहित्य और कला को समृद्ध करने में भी है. हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया जैसे संत समाज के लिए अपने नेक संदेश के लिए आगे आए. आज भी हजरत निजामुद्दीन औलिया लोगों के दिल और दिमाग में एक खास जगह बनाए हुए है.
उर्स हज़रत निज़ामुद्दीन के जीवन और विचारों का उत्सव है
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि उनका गहन संदेश बेहतर भविष्य के निर्माण में भूमिका निभाता रहेगा. उर्स हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के जीवन और विचारों का उत्सव है. उनके आदर्श मानवता के लिए एक दयालु, राष्ट्र और समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा.मालूम हो कि हजरत निजामुद्दीन औलिया का उर्स बुधवार की देर शाम शुरू हुआ जो पांच रोज तक चलेगा.