Ground 0 Delhi Red Fort Blast: People's bodies and vehicles blown to pieces, work stopped, people fled
ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
जान बची तो लाखों पाए... राजधानी दिल्ली में सोमवार की शाम एक चलती कार में भीषण ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट के कारण कई मौतें हुई हैं। ये ब्लास्ट एक i20 कार में हुआ और उसकी तस्वीर भी सामने आ गई है। एक तरफ जहां इस ब्लास्ट की हर एक एंगल से जाँच पड़ताल जारी है और सभी सुरक्षा और इंटेलेजन्स एजेन्सियां अपने-अपने स्तर पर इस कार्यवाई में जुटे हुए हैं वहीँ दूसरी और लोग सहमे भी हुए हैं क्यूंकि अब उनके काम धंधें ठप हो चुकें हैं। आधिकारक तोर पर लाल किले के आसपास मार्किट और चांदनी चौक की हर दुकान पर अब ताला नजर आ रहा है।

ब्लास्ट के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि "कल रात जब ब्लास्ट हुआ मैं यहां से जा रहा था, अपने घर ही जा रहा था बल्कि, हमें पता चला ब्लास्ट हुआ है। हम वापसी आए यहां पर। यहां रुका मैं, गौरी शंकर मंदिर के आगे। वहां से एक खोपड़ी आई उड़ के ब्लास्ट इतना तेज था। मंदिर के आगे पुलिस वाले आए। पुलिस वाले सबको भगाने लग गए उल्टी साइड। यहां से जाओ, खाली करो। कुछ भी सही नहीं था यहां पर। बंदे कभी किसी के चीथड़े पड़े, कोई मरा पड़ा। बहुत गंदे हालात थे यहां पर बस। मैं यह कहना चाहता हूं अपनी जो सरकार है, अच्छे तरीके से चले और मामले की जाँच करें।"
ब्लास्ट के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि "दुकान पर जब बैठा था, एक बहुत बड़ा धमाका हुआ। जब धमाका हुआ तो मेरे दुकान का वो डिस्प्ले पूरा गिर गया और दुकान हिलने लगी, तो मैं बाहर आया तो लोग भग दौड़ कर रहे थे। अचानक से तेज धमाका हुआ। मैंने जिंदगी में इतना तेज धमाका कभी नहीं सुना। बहुत बड़ा धमाका हुआ था। मैं जब यहां निकला तो मेरे यहां गली पूरी भरी हुई, लोग भाग रहे थे, गाड़ियों में आग लगी हुई थी, छह सात गाड़ी जल रही थी। फिर पुलिस आ गई थी, फिर जाने नहीं दे रहे थे आगे। डर गए थे लोग।
ब्लास्ट से प्रभावित दुकानदार
एक स्थानीय दूकानदार ने बताया कि "मेरा नाम वकास है। हादसे के समय मैं मार्केट में अपनी दुकान पर काम कर रहा था। यह घटना करीब शाम सात बजे की है। हम दुकान पर काम में व्यस्त थे कि अचानक एक गली में बहुत ज़ोरदार धमाका (ब्लास्ट) हुआ। धमाका इतना तगड़ा था कि हमारी दुकान की एलसीडी और शीशे सब टूट गए। लोग इधर-उधर भागने लगे। कोई कह रहा था कि सीएनजी सिलिंडर फट गया है, तो कोई कह रहा था कि बम ब्लास्ट हुआ है। शुरू में किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है।
पूरी मार्केट में अफरा-तफरी मच गई। मैंने अपनी ज़िंदगी में इतना बड़ा धमाका पहले कभी नहीं देखा। मेट्रो स्टेशन के शीशे तक टूट गए। मैं जिस दुकान पर काम करता हूं, वह शॉप नंबर 801 है। वह इलाका ऐसा है जहाँ काफी टूरिस्ट आते हैं और वहां हमेशा भीड़ रहती है। आमतौर पर मार्केट रात आठ से नौ बजे के बीच बंद हो जाती है, इसलिए उस समय भी बहुत लोग मौजूद थे।
ब्लास्ट के प्रत्यक्षदर्शी
धमाके के बाद दुकानदार अपनी दुकानें खुली छोड़कर भागने लगे। बाद में किसी ने आवाज लगाई कि “घबराओ मत, सीएनजी ब्लास्ट हुआ है गाड़ी में,” तब जाकर लोगों ने थोड़ा संभलकर अपनी दुकानें बंद कीं। मैंने मौके का वीडियो भी बनाया। वहां कई लाशें पड़ी थीं, बहुत लोग घायल थे, और पुलिस व सुरक्षाबल तुरंत मौके पर पहुंच गए। धमाके में एक कार पूरी तरह उड़ गई और उसके आसपास खड़ी आठ-दस कारें और चार-पांच बाइकें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। पास में खड़े रिक्शे और ठेले भी नुकसान में आए। यह बहुत भयावह दृश्य था। मैं अब भी उस धमाके की आवाज़ और मंजर भूल नहीं पा रहा हूं।"
एक स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि "जोरदार धमाका हुआ, मैं सदमे में आ गया। ब्लास्ट इतना तेज था कि वाहनों के परखच्चे उड़ गए। कई लोगों के फोन आने लगे। दूर से देखा तो इंसान का हाथ और फेफड़ा पड़ा हुआ था।"
गौरी शंकर मंदिर में नुकसान: प्रदीप अकाउंटेंट
गौरी शंकर मंदिर तक गए लोगों के अंग
जहां ब्लास्ट हुआ वहीं थोड़ी दूरी पर गौरीशंकर मंदिर हैं जोकि खुला था और लोग प्रार्थना कर रहे थे. मंदिर में भी खिड़कीयों को नुकसान पहुंचा है। मंदिर के मुनीम प्रदीप ने बताया कि "मैं मंदिर के अकाउंट्स का काम करता हूं। तो मैं शाम के टाइम अपनी अकाउंट्स का ही काम कर रहा था, तो अचानक मेरा ये शीशा टूटा मेरी टेबल के पास गिरा आके। तो मैंने सोचा कि हो सकता कि मेरे कमरे में गैस बन गई है इसकी वजह से ये शीशा टूट गया। लेकिन शीशा काफी मोटा था। तो मेरी नजर रोड पर गई तो पता चला बहुत तेज भगदड़ मच रही है। तो मैंने बाहर पूछा, भाई क्या हुआ? तो लोगों ने बोला कि रोड पे कोई सीएनजी कार फट गई है, ऑटो में बैटरी फटी हुई है। लेकिन धमाका इतना तेज था हमने कि भाई इतना बड़ा धमाका तो उससे तो हो नहीं सकता है। तो फिर मैंने देखा कि गाड़ियों में आग लग गई है और कुछ मानव अंग जो है, सामने जो आपको सड़क दिख रही है, इस पर नोथले पड़े हुए थे।
तो काफी लोग घबराए हुए आ रहे थे। मेरे ऑफिस में भी भाग-भाग के अंदर आ रहे थे। मैंने उनको पानी-वानी पिलाया, उनको वापस भेजा। उसके बाद मैंने खुद ही परेशान होकर मैंने अपना ऑफिस बंद करके मैं लाल मंदिर में चला गया। तो लाल मंदिर में जाकर देखा कि मानव अंग उसके मंदिर के परिसर के अंदर भी थे। और उसके मंदिर के अंदर भी नुकसान हुआ है और कोई गाड़ी फटी है, छोटी गाड़ी, कार जिसका पूरा एक्सेल उड़कर जो है मंदिर के परिसर में पड़ा हुआ था। तो आप सोच सकते हो धमाका कितना तेज था जो एक लोहे की गाड़ी फट कर इसका एक्सेल टूट गए, इतने दूर-दूर उड़े हैं। तो मानव शरीर का क्या हुआ होगा? उस समय इतना तगड़ा धमाका था, हम लोग कन्फ्यूज्ड थे कि आखिर हुआ क्या है?"
फ़िलहाल लोग डरे हुए हैं और इन्तजार कर रहे हैं सही आधिकारक जानकारी का ताकि लोग अपने काम में वापस जुट जाएं. घटना के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात की। एनएसजी, एनआईए और फोरेंसिक विभाग की टीमें मौके पर भेजी गईं। गृह मंत्री लगातार दिल्ली की घटना को लेकर खुफिया ब्यूरो के निदेशक के संपर्क में हैं।

मेट्रो-लाल किला से लेकर बाजार तक, दिल्ली में क्या-क्या बंद
दिल्ली में सोमवार शाम को हुए ब्लास्ट की वजह से एहतियात के तौर पर कई जगहों को बंद किया गया है। लाल किला और लाल किला मेट्रो स्टेशन 13 नवंबर 2025 तक बंद कर दिया गया है। बीती शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के बाहर एक कार में हुए धमाके के कारण चांदनी चौक बाजार को अस्थायी रूप से बंद किया गया है।
क्या हुआ था शाम को?
बीती शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के बाहर एक कार में धमाका हुआ। वैसे ही कुछ ही मिनटों में आसपास के इलाकों की बिजली कुछ देर कि ले गुल हो गई। दुकानदार अपनी दुकानें बंद करने लगे और चांदनी चौक बाजार में अफरा-तफरी मच गई। अब तक आई रिपोर्ट में 10 लोगों के मरने की पुष्टि हुई और लगभग 20 से अधिक लोग घायल हैं।
धमाकों से कब-कब दहली दिल्ली?
लगभग 14 साल बाद, राष्ट्रीय राजधानी में हुए एक शक्तिशाली विस्फोट ने पुराने आतंकवादी हमलों की यादें ताज़ा कर दीं। 2011 से पहले, आतंकवादियों ने दिल्ली को कई बार दहलाया था।
हाल ही में लाल किले के पास हुए विस्फोट ने दिल्ली में बीते वर्षों की यादें ताज़ा कर दी हैं। लाजपत नगर मार्केट में हुए आतंकवादी हमलों से लेकर सरोजिनी नगर मार्केट तक, या फिर दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नंबर 5 के पास हुए विस्फोट तक, राष्ट्रीय राजधानी कई वर्षों से आतंकवादी आतंक का शिकार रही है। इस बीच, सोमवार को ऐतिहासिक लाल किले के सामने हुआ शक्तिशाली विस्फोट अतीत की एक अप्रिय प्रतिध्वनि जैसा लगा।
1996 में, व्यस्त लाजपत नगर बाजार में हुए एक शक्तिशाली बम विस्फोट में 13 लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे। इसके बाद, 1997 में सदर बाज़ार, रानी बाग़ मार्केट, शनिवन, कौड़िया पुल, किंग्सवे कैंप, करोल बाग़ आदि कई जगहों पर बम विस्फोट हुए, जिनमें 10 लोग मारे गए और 213 घायल हुए।
दिसंबर 2000 में, एक आतंकवादी समूह ने किला परिसर में गोलीबारी की, जिसमें दो लोग मारे गए। एक साल बाद, दिसंबर 2001 में, संसद भवन पर हमला हुआ, जिसमें नौ सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी मारे गए।
इसके बाद, 2005 में, पहाड़गंज, सरोजिनी नगर और गोविंदपुरी में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए, जिनमें 71 लोग मारे गए और 200 से ज़्यादा घायल हुए।
तीन साल बाद, 2008 में, कनॉट प्लेस, करोल बाग़ और ग्रेटर कैलाश में लगभग एक साथ पाँच विस्फोट हुए, जिनमें 20 से ज़्यादा लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। दिल्ली में आखिरी आतंकवादी हमला सितंबर 2011 में दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नंबर 5 पर हुआ था। इस बम विस्फोट में 15 लोग मारे गए और 79 घायल हुए।
तस्वीरें: यथार्थ राजपूत और राजेश भड़ानिया