दिल्ली धमाके पर देश गमगीन: मुस्लिम समाज ने की कड़ी निंदा, एकजुटता की अपील

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 11-11-2025
Nation mourns Delhi blast: Muslim community strongly condemns, appeals for unity
Nation mourns Delhi blast: Muslim community strongly condemns, appeals for unity

 

आवाज़ द वॉयस /नई दिल्ली

सोमवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दिल, लाल किला क्षेत्र, एक भीषण और दहला देने वाले विस्फोट से कांप उठा, जिसके बाद पूरे देश में दुख और सदमे का माहौल है। लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक कार में हुए शक्तिशाली धमाके में आठ लोगों की दुखद मृत्यु हो गई और कई घायल हुए। इस जघन्य घटना को लेकर देश का मुस्लिम समाज गहरे सदमे और दुख में है।

 मुस्लिम बुद्धिजीवियों, धार्मिक विद्वानों (आलम-ए-दीन) और सामाजिक नेताओं ने न केवल इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है, बल्कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।

इस संवेदनशील समय में, मुस्लिम समुदाय के प्रमुख हस्तियों ने देशवासियों, खासकर मुसलमानों से किसी भी तरह की अफवाह न फैलाने और अफवाहों से बचने की भावुक अपील की है। दिल्ली पुलिस प्रशासन इस घटना को लेकर बेहद चौकस है और सीमाएं सील कर गहन छानबीन में जुटी है।

 विस्फोट की खबर फैलते ही, देश भर से प्रमुख मुस्लिम आवाज़ों ने एकजुटता, शांति और न्याय की मांग करते हुए अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कीं। पद्मश्री डॉ. इलियास अली, प्रसिद्ध सर्जन, असम, ने दिल्ली विस्फोट की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि, ऐसी घटना के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराना भी उतना ही निंदनीय है।

डॉ. अली ने ज़ोर देकर कहा कि इस्लाम शांति का धर्म है और इसमें हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग हिंसा और आतंकवाद का रास्ता चुनते हैं, वे इस्लाम के अनुयायी नहीं हैं, और मुस्लिम समुदाय को चाहिए कि वे ऐसे तत्वों का बहिष्कार करें।
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 मेजर मोहम्मद अली शाह, पूर्व सैन्य अधिकारी, ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि, "यह बहुत दुखद है... उच्च तीव्रता का विस्फोट... यदि यह एक आतंकवादी हमला है, तो यह एक बहुत ही निंदनीय और कायरतापूर्ण हमला है। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं।"

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 जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने इस हमले को मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि वे मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। उन्होंने अधिकारियों से गहन और पारदर्शी जांच करने का आह्वान किया। 

हजरत मौलाना ज़हीर अब्बास रिज़वी, प्रमुख धार्मिक विद्वान, ने कहा कि मानव जीवन के नुकसान की भरपाई कोई मुआवजा नहीं कर सकता। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह मृतकों के परिवारों को पूरा सहयोग दे और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करे, तथा पुलिस को जांच पूरी करने की अनुमति दी जाए।

 चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती, गद्दी नशीन - अजमेर दरगाह शरीफ ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए मानवता और एकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा, "यह भयानक घटना हमें जीवन की नाजुकता और उस गहरे दर्द की याद दिलाती है जो हिंसा निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को देती है,चाहे वे किसी भी धर्म, क्षेत्र या राष्ट्रीयता के हों।" 

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उन्होंने सभी समुदायों से एकजुट रहने, प्रार्थना, करुणा और सतर्कता का आह्वान किया, ताकि भय और आक्रोश के बीजों को एकता, आपसी सम्मान और उपचार के बीजों से बदला जा सके। मुस्लिम समाज के नेताओं ने इस दुखद समय में सामूहिक जिम्मेदारी और सामुदायिक सद्भाव बनाए रखने पर ज़ोर दिया है।