हरियाणा का 'मैनचेस्टर' : आतंकी संगठनों का सुरक्षित ठिकाना क्यों बन रहा है?

Story by  दयाराम वशिष्ठ | Published by  [email protected] | Date 11-11-2025
Faridabad, the 'Manchester' of Haryana: Why is it becoming a safe haven for terrorist organizations?
Faridabad, the 'Manchester' of Haryana: Why is it becoming a safe haven for terrorist organizations?

 

दयाराम वशिष्ठ / फरीदाबाद( हरियाणा)

हरियाणा का फरीदाबाद, जिसे अक्सर “हरियाणा का मैनचेस्टर” कहा जाता है, अपनी औद्योगिक चमक और दिल्ली से सटे भौगोलिक महत्व के कारण देश के सबसे तेजी से विकसित होते शहरों में गिना जाता है। लेकिन इस औद्योगिक नगरी के पीछे का एक स्याह सच बार-बार सामने आता रहा है — आतंकवादियों और अपराधियों के लिए यह शहर लंबे समय से एक सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। हाल ही में सामने आए डॉक्टर मुजम्मिल शकील के मामले ने एक बार फिर इस हकीकत को बेनकाब कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने धौज इलाके में संयुक्त रूप से एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया और उसके ठिकाने से करीब 2900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की। पुलिस के अनुसार, इन विस्फोटकों में अमोनियम नाइट्रेट, राइफलें, गोला-बारूद, वायर, सर्किट, टाइमर और रिमोट कंट्रोल जैसे उपकरण शामिल हैं — जो किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश की ओर संकेत करते हैं।

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डॉक्टर से आतंकी तक का सफर

डॉ. मुजम्मिल शकील अल-फलाह यूनिवर्सिटी में बतौर शिक्षक कार्यरत था। उसकी गिरफ़्तारी ने न केवल खुफिया एजेंसियों को चौंकाया, बल्कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं — आखिर कैसे एक उच्च शिक्षित व्यक्ति, वह भी मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ा, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और गजवा-उल-हिंद जैसी संस्थाओं के संपर्क में आ सकता है?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के नौगाम इलाके में एक प्रतिबंधित संगठन से जुड़े पोस्टर लगाने का मामला सामने आया था। जांच के दौरान डॉक्टर मुजम्मिल का नाम प्रकाश में आया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस की मदद से उसे हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में विस्फोटक और हथियार छिपा रखे हैं।

रविवार को दोनों राज्यों की पुलिस टीम ने संयुक्त छापेमारी करते हुए गांव के एक मकान से 2563किलो विस्फोटक सामग्री, एके-56राइफल, क्रिनकॉव असॉल्ट राइफल, दो ऑटोमैटिक पिस्टल, 84 कारतूस और अन्य उपकरण बरामद किए। बरामदगी के बाद इलाके में दहशत का माहौल फैल गया है।

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फरीदाबाद:आतंकियों का नया ठिकाना

पुलिस जांच में सामने आया है कि फरीदाबाद आतंकवादियों और अपराधी गिरोहों के लिए लंबे समय से एक सुरक्षित पनाहगाह रहा है। औद्योगिक इलाकों की भीड़, दिल्ली से नजदीकी और किराये पर आसानी से ठिकाना मिल जाने के कारण आतंकी यहां गुमनाम रह सकते हैं।

यह पहली बार नहीं है जब फरीदाबाद से आतंकी पकड़े गए हों।मार्च 2025 में पाली गांव से अब्दुल रहमान नाम का आतंकी गिरफ्तार हुआ था, जो ट्यूबवेल के कोठरे में छिपकर रह रहा था।मई 2006 में पाकिस्तानी आतंकी अबू हमजा बल्लभगढ़ से पकड़ा गया था। उसके पास से तीन किलो आरडीएक्स और भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे।

वर्ष 2005 में नोएडा पुलिस ने आतंकी हनीफ को गिरफ्तार किया, जिसने कबूल किया था कि वह दो वर्षों तक फरीदाबाद में रहकर नेटवर्क चला रहा था।2001 में दिल्ली पुलिस ने एसजीएम नगर क्षेत्र से एक आतंकी को पकड़ा था, जो टैक्सी चालक के रूप में रहकर संसद हमले से जुड़ी गतिविधियों में शामिल था।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि फरीदाबाद की औद्योगिक भीड़ और गुमनाम गलियां आतंकियों के लिए एक रणनीतिक शरणस्थली बन चुकी हैं।

जम्मू-कश्मीर कनेक्शन और डॉक्टरों की भूमिका

डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी ने आतंकवादी नेटवर्क में शिक्षित युवाओं की संलिप्तता के नए खतरे को उजागर किया है। जांच में सामने आया है कि सहारनपुर में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी डॉक्टर आदिल अहमद राठेर की निशानदेही पर ही मुजम्मिल के ठिकाने का पता चला।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुजम्मिल ने फतेहपुर तगा के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में "सामान रखने" के बहाने किराए पर एक कमरा लिया था, जहां उसने विस्फोटक जमा किए। वहीं, जांच में एक महिला डॉक्टर का नाम भी सामने आया है, जिसकी कार से हथियार बरामद हुए हैं। एजेंसियां अब उसके इस नेटवर्क से संबंधों की जांच कर रही हैं।

800 पुलिसकर्मियों की तैनाती और गहन छापेमारी

फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर मुजम्मिल को 12दिन पहले गुप्त सूचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर फतेहपुर तगा गांव में छापेमारी की गई, जहां से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद हुए।

उन्होंने बताया कि बरामद सामग्री में 360किलो अमोनियम नाइट्रेट, एक कैंटॉप असॉल्ट राइफल, पांच मैगजीन, 91जिंदा कारतूस और कई सूटकेस शामिल हैं। इस पूरे अभियान में 800पुलिसकर्मियों की टीमें लगातार इलाके में सर्च अभियान चला रही हैं।

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फरीदाबाद: अपराध और आतंक के बीच फंसी औद्योगिक नगरी

फरीदाबाद में आतंकी ही नहीं, बल्कि कई संगठित आपराधिक गिरोह भी सक्रिय हैं। हाल ही में पुलिस ने कुख्यात नीरज फरीदपुरिया गिरोह के सदस्य कुलदीप त्यागी को गिरफ्तार किया था, जो गैंग को फंड, ठिकाना और अवैध हथियार उपलब्ध कराता था।

औद्योगिक विस्तार, बेरोक-टोक आवागमन और दिल्ली से निकटता के चलते यह शहर कानून-व्यवस्था की चुनौती बनता जा रहा है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आतंकी संगठन इस शहर को “ऑपरेशनल बैक बेस” की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं — जहां से दिल्ली, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों में गतिविधियों को संचालित किया जा सकता है।

 फरीदाबाद की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

डॉ. मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया है कि आतंकी नेटवर्क अब किसी एक क्षेत्र या वर्ग तक सीमित नहीं हैं। शिक्षित, पेशेवर लोग भी इस जाल में फंस रहे हैं। यह घटना न केवल हरियाणा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चेतावनी है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या हमारी औद्योगिक नगरी के भीतर कोई साइलेंट टेरर नेटवर्क पल रहा है?

फिलहाल पुलिस और खुफिया एजेंसियां मामले की गहन जांच में जुटी हैं। परंतु इस पूरे घटनाक्रम ने यह संदेश अवश्य दे दिया है — फरीदाबाद अब केवल उद्योगों का नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की निगाह में एक संवेदनशील शहर बन चुका है, जहाँ विकास की चमक के पीछे छिपे साये को पहचानना अब बेहद ज़रूरी है।