पांचों अंगुरी एक बराबर ना होखे : सीवान से निर्दलीय प्रत्याशी हिना शहाब

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-05-2024
All five fingers should not be equal: Hina Shahab, independent candidate from Siwan
All five fingers should not be equal: Hina Shahab, independent candidate from Siwan

 

मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली

‘‘ सब कोई आवेला, सब काई जाला...सब एक समान न होला...पांचों अंगुरी जो तोहर बराबर न होई, औ स हीं आदमी सबके दिल-दिमाग एक जैइसन न होला.’’यह कहना है हिना शहाब का.सीवान के एक गांव में प्रचार के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी हिना शहाब की जब कुछ महिलाओं से मुलाकात हुई तो उनकी समस्याएं सुनकर उन्हें समझाने की कोशिश की.

इस दौरान वह महिलाओं को यकीन दिलाती दिखीं कि इस संसदीय क्षेत्र में अब तक जितने भी विकास कार्य हुए, उनके पति शहाबुद्दीन की देन हैं. उदारहण देते हुए वह भोजपुरी में कहती हैं, ‘‘ गांव तक सड़क उनके पति ने 20साल पहले बनाई थी. उसके बाद इलाके में विकास कार्य नहीं हुए.’’

 

हिना शहाब महिलाओं का विश्वास जीतने के लिए कहती हैं, ‘‘ हम उस परिवार से हैं, जो कहते हैं वही करते हैं.’’आवाज द वाॅयस से फोन पर बात करते हुए हिना शहाब ने कहा, ‘‘ वह घरेलू महिला रही हैं. पति को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिलने पर उन्होंने दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा है.’’

 

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हिना शहाब प्रचार के दौरान भी घरेलू महिला जैसी दिखने की कोशिश करती हैं. शरीर पर मामूली काॅटन की साड़ी होने के अलावा सिर और जिस्म पूरी तरह ढका होता है. वह ‘अबाया टाइप’ कपड़े पहनती हैं.बता दें कि हिना शहाब सीवान से कई बार सांसद रहे शहाबुद्दीन की पत्नी हैं. कोरोना के दौरान उनका तिहाड़ जेल में निधन हो गया था. उनपर कई आपराधिक मामले दर्ज थे. सीवान के इलाके में उन्हें ‘डाॅन’ माना जाता था. उनके लड़के की छवि भी कुछ ठीक नहीं.

किसी जमाने में शहाबुद्दीन परिवार के राजद सुप्रिमो लालू प्रसाद से बहुत अच्छे रिश्ते थे, पर उनके गुजरने के बाद से रिश्तों में खटास आ गई. आरोप है कि शहाबुद्दीन के परिजनों के विरोध के चलते विधानसभा चुनाव  में  सीवान क्षेत्र में राजद को नुकसान उठाना पड़ा था.

मौजूदा स्थिति यह है कि हिना शहाब बीजेपी के साथ राजद के उम्मीदवार से सीधी फाइट कर रही हैं.उनसे जब पूछा गया कि उनके लिए चुनावी मुद्दे क्या है ? तो उन्होंने तपाक से कहा-‘‘ वही जो बिहार के हैं. पूरे बिहार की स्थिति खराब है.’’उन्होंने कहा कि बिहार में विकास का पहिया रूक सा गया है. कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. रोजी-रोजगार का संकट है.’’

आवाज द वाॅयस से बातचीत करते हुए उन्होंने मोदी या नितीश कुमार की सीधी आलोचना करने से बचने का प्रयास किया. विकास का मुददा छेड़ने पर उन्होंने किसी का नाम लेकर इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया.हिना शहाब से पूछने पर कि इलाके की महिलाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर वह क्या सोचती हैं ? इसपर उनका जवाब था, ‘‘ सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार की जरूरत है.

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देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी महिलाएं सुरक्षित नहीं. कानून-व्यवस्था को और सख्त बनाना होगा. सीवान सहित पूरे बिहार की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की दशा सुधारनी होगी.’’हिना शहाब से जब पूछा गया कि वह निर्दलीय चुनाव जीत भी जाएं तो इलाके का कल्याण कैसे करेंगी ? जवाब में उन्होंने कहा, ’‘हमें अपने सांसद कोटे से मतलब होगा. इलाके में विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड आए, यह हमारी प्राथमिकता होगी. इसके लिए मुझे जिसके दरवाजे पर जाना होगा, जाउंगी.’’

बता दें कि सीवान  में   इस महीने के आखिरी सप्ताह में वोट डाले जाने  है . इलाके  में  अभी नामांकन प्रारंभ नहीं हुआ है, इसलिए हिना शहाब ने भी नांकन नहीं किया है. बावजूद इसके अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले इनका धुआंधार प्रचार जारी है. वह कहती हैं, ‘‘नामांकन प्रारंभ होते ही सबसे पहले मैं पर्चा भरूंगी.’’