नई दिल्ली
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) की महिला फुटबॉल समिति ने एशियन कप की तैयारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का फैसला किया है। रविवार को नई दिल्ली स्थित फुटबॉल हाउस में आयोजित बैठक की अध्यक्षता समिति की चेयरपर्सन वलंका अलेमाओ ने की। बैठक में एआईएफएफ के उप महासचिव एम. सत्यनारायण, डिप्टी चेयरपर्सन त्सेरिंग आंगमो के अलावा सदस्य तबाबी देवी, चित्रा गंगाधरन और शबाना रब्बानी भी मौजूद रहीं।
एआईएफएफ की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, बैठक में भारत की सीनियर, अंडर-20 और अंडर-17 महिला राष्ट्रीय टीमों की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की गई, जो अपनी-अपनी एएफसी महिला एशियन कप अभियानों की ओर बढ़ रही हैं। समिति को टीमों के हालिया प्रदर्शन, कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट सिस्टम के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में भी अपडेट दिया गया।
बैठक के दौरान महिला फुटबॉल के समग्र इकोसिस्टम को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया। समिति के सदस्यों ने महिला कोचों के लिए समर्पित विकास कार्यक्रमों और सहयोगी ढांचे पर चर्चा की। इसके तहत एक नई पहल पर भी सहमति बनी, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए महिला कोचों के योगदान को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल उनकी पहचान और दृश्यता बढ़ाना है, बल्कि भारतीय फुटबॉल में भविष्य की महिला नेतृत्व पीढ़ी को प्रेरित करना भी है।
खिलाड़ियों की सुरक्षा (सेफगार्डिंग) को बैठक में एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा बताया गया। समिति ने सभी आयु वर्ग की खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और समावेशी वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कई कदम सुझाए। इसमें स्पष्ट नीतियां, जागरूकता कार्यक्रम और निगरानी तंत्र शामिल हैं, ताकि महिला खिलाड़ी बिना किसी भय या भेदभाव के अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
इसके अलावा, बैठक में वित्तीय और बजटीय मामलों पर भी गंभीरता से चर्चा हुई। समिति ने इस बात पर जोर दिया कि महिला फुटबॉल के सतत विकास और प्रतिस्पर्धात्मक उत्कृष्टता को बनाए रखने के लिए पर्याप्त संसाधनों का आवंटन जरूरी है।एआईएफएफ महिला फुटबॉल समिति का मानना है कि इन ठोस कदमों से न केवल एशियन कप में भारतीय टीमों की तैयारी मजबूत होगी, बल्कि देश में महिला फुटबॉल के भविष्य को भी नई दिशा और स्थिरता मिलेगी।






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