बर्मिंघम
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह जैसे मैच विनर गेंदबाज को आराम देने के भारतीय टीम प्रबंधन के फैसले से पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री हैरान हैं। उनका कहना है कि इतने अहम मुकाबले में बुमराह को बाहर बैठाने का फैसला चौंकाने वाला है और यह खिलाड़ी की नहीं, बल्कि कप्तान और कोच की जिम्मेदारी होनी चाहिए थी।
भारत की टेस्ट टीम पिछले एक साल से खराब फॉर्म से जूझ रही है और अक्टूबर 2024 से खेले गए पिछले 9 टेस्ट में टीम सिर्फ एक बार जीत दर्ज कर सकी है, जो बीते एक दशक का सबसे खराब प्रदर्शन है। शुभमन गिल की कप्तानी में भारत लीड्स में पहला टेस्ट इंग्लैंड से 5 विकेट से हार चुका है, जिससे सीरीज में वापसी जरूरी हो गई है।
शास्त्री ने स्काई स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा,“आपने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार टेस्ट गंवाए हैं, और अब यहां भी पहला टेस्ट हार चुके हैं। ऐसे में ये दूसरा टेस्ट बेहद अहम बन जाता है। और आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ को, जो पूरी तरह फिट है, सिर्फ इसलिए बाहर बिठा देते हैं क्योंकि उसे सात दिन का ब्रेक मिला था? ये हैरान करने वाला फैसला है।”
पहले टेस्ट की पहली पारी में बुमराह ने पांच विकेट झटककर इंग्लैंड को बैकफुट पर ला दिया था, लेकिन दूसरे मैच से उन्हें आराम दिया गया।
टॉस के दौरान गिल ने पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल आथर्टन से कहा,“बुमराह को गेंदबाजी के बोझ के प्रबंधन के तहत आराम दिया गया है। हमें पता है ये मैच अहम है, लेकिन तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स में है, जहां पिच से तेज गेंदबाजों को ज़्यादा मदद मिल सकती है, इसलिए हम उन्हें वहां ताजगी के साथ उतारना चाहते हैं।”
हालांकि रवि शास्त्री इस सोच से सहमत नहीं दिखे।उन्होंने कहा,“बुमराह को एक हफ्ते का ब्रेक पहले ही मिल चुका था। यह एक ऐसा मुकाबला है जहां भारत को तुरंत पलटवार करना था। ऐसे में आपकी सबसे बड़ी ताकत को बाहर रखना समझ से परे है। यह निर्णय खिलाड़ी के ऊपर नहीं छोड़ा जाना चाहिए, बल्कि टीम मैनेजमेंट को लेना चाहिए था।”
बता दें, सीरीज से पहले ही टीम प्रबंधन ने संकेत दिए थे कि बुमराह अधिकतम तीन टेस्ट ही खेलेंगे, ताकि उनका कार्यभार संतुलित रहे। मगर शास्त्री का मानना है कि इस समय भारत को अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मैदान पर उतारने चाहिए, ना कि उन्हें लॉर्ड्स जैसे भविष्य के मैचों के लिए बचाकर रखना चाहिए।