नई दिल्ली
भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी कर खेल प्रशासकों से इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का नया सत्र तुरंत शुरू करने की अपील की है। खिलाड़ियों ने कहा कि लंबे इंतजार और असमंजस की स्थिति से उनका गुस्सा और हताशा अब गहरी व्याकुलता में बदल गई है।
यह अपील ऐसे समय में आई है जब अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने पिछले सप्ताह जानकारी दी थी कि आईएसएल के वाणिज्यिक अधिकारों के लिए 16 अक्टूबर को जारी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) पर कोई बोली नहीं मिली। आरएफपी में लीग के वाणिज्यिक और मीडिया अधिकारों के लिए 15 साल के अनुबंध की पेशकश की गई थी।
भारतीय टीम के स्टार डिफेंडर संदेश झिंगन ने अपने सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो संदेश में कहा, “अभी जो स्थिति है, उसमें और देरी करना सही नहीं होगा। खिलाड़ी, कोच, प्रशंसक और स्टाफ—सभी ठहराव की स्थिति में हैं। हमने बहुत मेहनत की है, बहुत त्याग किया है। हम नहीं चाहते कि हमारा सत्र यूं ही समाप्त हो जाए।”
उन्होंने आगे कहा, “पूरा भारतीय फुटबॉल तंत्र अनिश्चितता में है। सपने थम गए हैं, भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। हर दिन हम इंतज़ार करते हैं। अब व्याकुलता हावी हो चुकी है। हमें तत्काल कदम उठाने की ज़रूरत है।”
राष्ट्रीय टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू सहित कई अन्य खिलाड़ियों ने भी सोशल मीडिया पर इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं और लीग को शीघ्र शुरू करने की मांग की।
खिलाड़ियों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया, “हम सभी पेशेवर फुटबॉलर, जो इंडियन सुपर लीग का हिस्सा हैं, एकजुट होकर यह अपील करते हैं कि लीग को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। साफ शब्दों में कहें तो — हम खेलना चाहते हैं।”
बयान में आगे कहा गया, “हमारी हताशा और गुस्सा अब व्याकुलता में बदल चुका है। हम उस खेल को खेलने के लिए बेचैन हैं जिसे हम प्यार करते हैं—अपने परिवारों और उन प्रशंसकों के लिए जो हमारे लिए सब कुछ हैं।”
खिलाड़ियों ने प्रशासकों से आग्रह किया कि वे मौजूदा संकट का समाधान जल्द खोजें, क्योंकि इसके चलते मोहन बागान जैसे शीर्ष क्लबों को भी अपना अभ्यास सत्र रोकना पड़ा है।
बयान में कहा गया, “यह अपील उन सभी से है जो इस देश में फुटबॉल को संचालित करते हैं—कृपया सत्र शुरू करने के लिए हर संभव कदम उठाएं। भारत को इस समय प्रतिस्पर्धी फुटबॉल की पहले से कहीं ज़्यादा आवश्यकता है।”
अंत में खिलाड़ियों ने कहा, “हम पेशेवर हैं, तैयार हैं और जैसे ही कहा जाएगा, मैदान पर उतरने को तत्पर हैं। हमें बस इतना चाहिए कि हमारी व्यथा को गंभीरता से सुना जाए। हम काफी समय से अंधेरी सुरंग में हैं—अब हमें उस सुरंग के अंत में रोशनी दिखने की उम्मीद चाहिए।”






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