ईरान से हारकर पदक से चूका बांग्लादेश

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-11-2025
Bangladesh lose to Iran, miss out on a medal at the Asian Archery Championships
Bangladesh lose to Iran, miss out on a medal at the Asian Archery Championships

 

ढाका

एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में मेज़बान बांग्लादेश की शुरुआत उत्साहजनक रही, लेकिन दिन का दूसरा सत्र निराशाजनक साबित हुआ। कंपाउंड महिला टीम इवेंट में बांग्लादेश को कांस्य पदक जीतने की उम्मीद थी, लेकिन निर्णायक क्षणों में टीम अपनी लय खो बैठी। एक बेहद रोमांचक और कांटे के मुकाबले में बांग्लादेश को ईरान ने 227-224 (54-56, 58-56, 57-57, 55-58) के अंतर से हराकर पदक से वंचित कर दिया।

बांग्लादेश की कंपाउंड महिला टीम में बान्या अख्तर, कुलसुम अख्तर और पुष्पिता ज़मान शामिल थीं। टीम ने टूर्नामेंट की शुरुआत दमदार अंदाज़ में की थी। एलिमिनेशन राउंड के पहले चरण में उन्होंने कज़ाकिस्तान को 230-226 (57-57, 57-56, 59-58, 58-55) से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। टीम का प्रदर्शन आत्मविश्वास से भरा था और उम्मीद थी कि वे पदक लेकर लौटेंगी।

हालाँकि, सेमीफाइनल में बांग्लादेश का सामना एशिया की दिग्गज टीम भारत से हुआ। मुकाबला कड़ा रहा, लेकिन भारतीय तीरंदाजों ने 234-227 (58-54, 58-56, 59-58, 59-59) के स्कोर से जीत दर्ज की। इस हार के बाद बांग्लादेश को कांस्य पदक मुकाबले में उतरना पड़ा, जहाँ उसका सामना ईरान से था। उम्मीदें बहुत थीं, लेकिन मैच बांग्लादेश के पक्ष में नहीं गया। ईरान ने इतिहास रचते हुए इस इवेंट में अपना पहला पदक जीता।

अब इस वर्ग का फाइनल मुकाबला भारत और दक्षिण कोरिया के बीच 13 नवंबर को खेला जाएगा।

हार के बाद बांग्लादेशी खिलाड़ी बान्या अख़्तर ने निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अगर हमने अच्छी शुरुआत की होती, तो नतीजा कुछ और हो सकता था। हमने पहले भी इसी मैदान पर ईरान के खिलाफ खेला था, तब मैं टीम में नहीं थी। इस बार जीत का इरादा था। हवा जरूर चल रही थी, लेकिन उसने ज्यादा असर नहीं किया। कोई दबाव नहीं था। मैं बहुत खुश थी और टीम से कह रही थी कि हम पदक जीतेंगे, लेकिन अफसोस हम नहीं कर सके।”

दिन का दूसरा निराशाजनक परिणाम बांग्लादेश को पुरुष रिकर्व टीम इवेंट में झेलना पड़ा। सागर इस्लाम, रकीब मिया और राम कृष्ण साहा की टीम ने शानदार शुरुआत की थी। एलिमिनेशन राउंड के पहले दौर में उन्होंने वियतनाम को 6-0 (55-52, 53-52, 56-52) के एकतरफा स्कोर से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।

लेकिन सेमीफाइनल में टीम को विश्व चैंपियन दक्षिण कोरिया के खिलाफ उतरना पड़ा। मुकाबला काफी संतुलित रहा, लेकिन कोरियाई खिलाड़ियों की सटीकता के आगे बांग्लादेशी तीरंदाज टिक नहीं पाए और 5-3 (53-53, 55-53, 54-59, 54-56) से हार गए।

कांस्य पदक मुकाबले में उज़्बेकिस्तान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कज़ाकिस्तान को 5-3 से हराया और एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में अपना पहला पदक हासिल किया। वहीं, स्वर्ण पदक मुकाबला दक्षिण कोरिया और भारत के बीच शुक्रवार को खेला जाएगा।

हालाँकि बांग्लादेश पदक नहीं जीत सका, लेकिन स्थानीय दर्शकों ने खिलाड़ियों के प्रयासों की सराहना की। टीम के प्रदर्शन में सुधार की झलक साफ दिखी और युवा खिलाड़ियों के लिए यह अनुभव बेहद अहम रहेगा।

एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में बांग्लादेशी तीरंदाजों ने कई मौकों पर दम दिखाया, लेकिन निर्णायक राउंड में अनुभव की कमी साफ झलकी। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू मैदान पर खेलते हुए बांग्लादेश के पास अपनी सर्वश्रेष्ठ संभावनाओं को भुनाने का सुनहरा मौका था, परंतु दबाव के क्षणों में टीम संयम नहीं रख सकी।

खेल विश्लेषकों का यह भी कहना है कि बांग्लादेशी तीरंदाजों की तकनीक में निखार आया है, लेकिन उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा में अनुभव की कमी और मानसिक तैयारी का अभाव अभी भी बड़ा अंतर पैदा करता है।

मौजूदा चैंपियनशिप से बांग्लादेश ने यह सबक जरूर लिया है कि एशियाई स्तर पर मुकाबला अब पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो गया है। भारत, दक्षिण कोरिया, ईरान और उज़्बेकिस्तान जैसी टीमों ने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल ढांचे में बड़ा निवेश किया है, जिसके नतीजे अब साफ नजर आने लगे हैं।

बांग्लादेश तीरंदाजी महासंघ ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए कहा कि “टीम ने अपनी पूरी क्षमता से खेला और कुछ करीबी मुकाबले हारे। आने वाले समय में फोकस प्रशिक्षण और मानसिक मजबूती पर होगा ताकि खिलाड़ी निर्णायक पलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।”

बावजूद इसके, बांग्लादेशी तीरंदाजों के लिए यह टूर्नामेंट प्रेरणादायक रहा। उन्होंने शीर्ष एशियाई टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा का अनुभव हासिल किया और कई मौकों पर मजबूत प्रदर्शन किया। खास तौर पर महिला कंपाउंड टीम ने दिखाया कि वे एशियाई स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने की क्षमता रखती हैं।

ढाका के दर्शकों ने इज्तेमा जैसी धार्मिक भीड़ के बीच खेल का उत्साह भी दिखाया। सुबह से ही स्टेडियम में दर्शक जुटने लगे थे, और हर तीर पर तालियों की गूंज सुनाई दे रही थी। मैच के अंत में भले ही निराशा रही हो, लेकिन दर्शकों ने खिलाड़ियों को खड़े होकर सम्मान दिया।

इस हार के बावजूद बांग्लादेशी तीरंदाजी का भविष्य उज्ज्वल माना जा रहा है। युवा खिलाड़ी अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार मौके पा रहे हैं और खेल मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि तीरंदाजी को प्राथमिकता वाले खेलों की सूची में शामिल किया जाएगा।

एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप 2025 ने यह साबित कर दिया कि बांग्लादेश एशिया की उभरती हुई तीरंदाजी ताकतों में से एक है। पदक भले हाथ से निकल गया हो, लेकिन बांग्लादेश ने इस आयोजन में अपने जज़्बे और समर्पण से सबका दिल जरूर जीत लिया है।