शेख मोहम्मद यूनुस/ हैदराबाद
हैदराबाद के युवक मोहम्मद रब्बानी ने राष्ट्रीय सब-जूनियर पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. उन्होंने अपनी प्रतिभा से साबित किया है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प से आर्थिक तंगी के बावजूद सब कुछ हासिल किया जा सकता है.
आर्थिक कमियों के बाद भी मोहम्मद रब्बानी निरंतर आगे बढ़ रहे हैं. उन्हें देश को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करने का जुनून है. सपना है विश्व स्तर मुकाबले में स्वर्ण जीतने का.मोहम्मद रब्बानी अभी केवल 18वर्ष के हैं, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प अनुकरणीय है. हाजी करीम और अस्मा बेगम के बेटे रब्बानी ने हाल में राजस्थान में अंडर-18सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में 53किग्रा पावर लिफ्टिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है.
अनुकरणीय बात यह है कि कम उम्र में जीवन की गाड़ी खींचने ने उन्हें बेहतरीन भारोत्तोलक बना दिया.मोहम्मद रब्बानी के जीवन की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. उनके पिता हाजी करीम ढुलाई का काम करते हैं.
उनके दो बेटे मोहम्मद रब्बानी व मोहम्मद असलम और दो बेटियां हैं. परिवार फतेह नगर, बगलांगर में किराए के मकान में रहता है. मोहम्मद रब्बानी भी अपने पिता के काम में हाथ बंटाते हैं.उनका छोटा भाई मोहम्मद असलम हाफिज-ए-कुरान है. वह मुर्गी की दुकान में काम करता है ताकि परिवार की मदद कर सके. वह भी रात में भारोत्तोलन का प्रशिक्षण लेता है.
मोहम्मद रब्बानी के जीवन ने तब दिलचस्प मोड़ आया जब उन्हें अपनी उम्र के युवाओं की तरह फिटनेस के लिए फतेह नगर, बलांगर में सरकारी जीएचएमसी फिट और फिटनेस जिम में भर्ती कराया गया. उन्हें इसके लिए अपने मालिक से अनुमति मिली लेनी पड़ी थी.
उन्होंने मात्र 15दिनों के भारोत्तोलन प्रशिक्षण में कमाल का प्रदर्शन किया. मोहम्मद रब्बानी ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया और स्वर्ण पदक जीता. रमंतपुर में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वह रजत पदक लेने में कामयाब रहे. मोहम्मद रब्बानी ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अपना पूर्ण प्रदर्शन दिखाया.
उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है. तब मोहम्मद रब्बानी के पास भारोत्तोलन के दौरान पहनने के लिए पोशाक भी नहीं थे. उन्होंने किसी से मांग कर पोशाक पहना और प्रतियोगिता में भाग लिया. राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता.
राजस्थान में आयोजित चैंपियनशिप में 26राज्यों के 600पावरलिफ्टर्स शामिल हुए थे. इसके लिए सैयद सलीम सुल्तान शाही और मुगलपुरा जिम इंस्ट्रक्टर मोहम्मद बिन हसन बाफना ने उनकी मदद की. उन्हें कॉस्ट्यूम किट प्रदान किया.
आवाज द वॉयस से बात करते हुए रब्बानी ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रौशन करना चाहता है. उसकी कामयाबी में मास्टर आनंद सर के अलावा प्रवीण सर और रमेश सिरका की महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं.
उन्होंने कहा कि मोहम्मद बिन हसन बाफना ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया. तकनीकी रूप से भी उनकी मदद की. मोहम्मद रब्बानी ने कहा कि वे घर का बना खाना खाते हैं. उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद वे कड़ी मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटे.
मोहम्मद रब्बानी ने कहा कि भारोत्तोलन के विभिन्न चरणों में तीन प्रकार की वेशभूषा का उपयोग किया जाता है और तीन पोशाक, जूते, बेल्ट और अन्य वस्तुओं से युक्त एक किट की कीमत लगभग 80,000 रुपये है. उनके पास केवल एक पोशाक है. सैयद सलीम सुल्तान शाही ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार और प्रायोजकों का समर्थन जरूरी है.