आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में 23 जुलाई से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट से पहले पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने सोशल मीडिया पर चल रही उन खबरों को फर्जी करार दिया है, जिनमें दावा किया गया कि उन्होंने जसप्रीत बुमराह की वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर टीम इंडिया पर सवाल उठाए हैं.
इरफान ने X (पूर्व में ट्विटर) पर साफ लिखा, “बिल्कुल नहीं. अगर बुमराह एक और ओवर फेंकना चाहते या जब जो रूट क्रीज पर आए तब कप्तान से ओवर की मांग करते, तो कोई भी टीम या मैनेजमेंट उन्हें नहीं रोकता. इसलिए कृपया झूठी खबरें फैलाना बंद करें—मैंने इस मुद्दे पर टीम इंडिया पर कोई सवाल नहीं उठाया है.”
दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इरफान ने इंग्लैंड दौरे पर बुमराह की सीमित भूमिका को लेकर टीम प्रबंधन की रणनीति पर सवाल उठाया है, लेकिन अब खुद इरफान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
गौरतलब है कि भारत-इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम चयन के दौरान चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर ने बताया था कि बुमराह को लगातार टेस्ट न खेलने की सलाह दी गई है, ताकि उनके शरीर पर अनावश्यक दबाव न पड़े. दरअसल, इस साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट के दौरान बुमराह की पीठ में हल्की चोट आई थी, जिसे लेकर बोर्ड सतर्क है.
अब तक सीरीज में बुमराह ने पहला और तीसरा टेस्ट खेला है. पहले टेस्ट में हेडिंग्ले में उन्होंने 5/83 की शानदार गेंदबाज़ी की थी, लेकिन दूसरी पारी में कोई विकेट नहीं ले सके और भारत को हार झेलनी पड़ी. तीसरे टेस्ट में लॉर्ड्स में उन्होंने 5 विकेट लेकर इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी को झकझोरा और मैच में कुल 7 विकेट झटके, लेकिन भारत फिर भी 22 रन से मैच हार गया.
अब जब भारत 5 मैचों की सीरीज में 1-2 से पीछे चल रहा है और केवल दो मैच बचे हैं, तो बुमराह की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है. भारत के सहायक कोच रायन टेन डोशाटे ने बुमराह को लेकर संकेत देते हुए कहा, “हमें मैनचेस्टर में बुमराह को खिलाने का झुकाव है क्योंकि सीरीज अब दांव पर है. लेकिन हम सभी पहलुओं पर विचार करेंगे—पिच, मौसम, मैच के दिन और बुमराह की फिटनेस को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा.”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि टीम को सीरीज के अंतिम दो टेस्ट को समग्र रूप से देखना होगा, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सके कि मैनचेस्टर और ओवल में जीतने की रणनीति क्या होनी चाहिए.
इरफान पठान का यह स्पष्ट बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि टीम इंडिया और बुमराह की फिटनेस रणनीति को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, वो काफी हद तक अटकलों पर आधारित हैं. उनके स्पष्टीकरण से यह साफ हो गया है कि न तो उन्होंने बुमराह की भूमिका पर सवाल उठाया और न ही टीम प्रबंधन की योजना पर कोई टिप्पणी की.
अब सभी की नजरें मैनचेस्टर टेस्ट पर टिकी हैं, जहां यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बुमराह मैदान पर उतरेंगे और भारत की वापसी की उम्मीदों को जीवित रख पाएंगे.