Hosting Olympics 2036 will be beneficial for India in every way: Minister of State for Sports Raksha Khadse
नई दिल्ली
खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने कहा कि 2036 में होने वाले ओलिंपिक खेलों के लिए भारत की ओर से प्रस्तावित मशहुर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेश देने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह विश्व स्तरीय शैक्षिक ढांचा तैयार करने, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और देश के युवाओं को प्रभावित करने वाले सामाजिक अध्ययन से जुड़ी एक सुविचारित योजना भी है.
महाराष्ट्र के रावेर इलेक्ट्रोरेक्टर्स क्षेत्र से तीन बार मिनिमम रालहम पार्टी 38 वर्ष खड़से ने विशेष साक्षात्कार में इस आलोचना को खारिज कर दिया कि देश को ओलम्पिक में आयोजित होने वाले खर्चीले आयोजन का लक्ष्य बनाए रखने से पहले देश को खेल महाशक्ति बनाने पर ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने यहां अपने कार्यालय में बातचीत में कहा, ''ओलंपिक 2036 या राष्ट्रमंडल खेल 2030 जैसे प्रतिभागियों की प्रतियोगिता की तैयारी का मतलब है विश्व सांस्कृतिक संस्था, निवेश, आर्थिक और एक ऐसी प्रणाली को तैयार करना है जिसका लाभ सीधे खिलाड़ियों को मिलेगा.
खड़से ने कहा, ''अवसाद और यहां तक कि दोस्ती की लताड़ जैसी कई समस्याओं का एक तरीका है. इन सभी बातों का रखें ध्यान
खेलों के सम्मेलन के लिए भारत की अनुमति अगले महीने, जब खेल मंत्री और भारतीय ओल संघ के अधिकारियों का अंतिम वर्ष का अंतिम वर्ष होगा, तब अपना रोजगार पत्र शेयर के बाद अंतर्राष्ट्रीय समिति (आइओओल) के साथ लुसाने के लिए चर्चा होगी.
खड़से ने कहा, ''इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि हम ओलंपिक की मेजबानी करके एक संदेश देंगे.'' इस बात का संकेत है कि आप एक विकसित देश हैं. लेकिन साथ ही, यह युवाओं को राष्ट्र-निर्माण के रूप में नेतृत्व करने का अवसर भी देता है.
उन्होंने कहा कि खेलों के खेल और भारतीय खेलों के विकास को अलग-अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए.
खेल मंत्रीमंडल की सचिवालय वाली दूसरी महिला और सबसे कम उम्र की खड़से ने कहा, ''हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक रुपया देश को भविष्य में लाभ पहुंचाया जाए.'' ''
पेरिस ओलंपिक 2024 की लागत नौ अरब डॉलर से अधिक थी, जबकि लॉस एंजिल्स में होने वाले 2028 के खेलों के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च का अनुमान है. कई बार ऐसा होता है कि विक्रय मूल्य अंतिम लागत से अधिक होता है.
ओलंपिक्स की बोली को सफल बनाने के लिए एसआईएल का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, लेकिन भारत के राष्ट्रीय खेल एसोसीएडी (साओसएफ) अक्सर एक-दूसरे से आगे आशियाने की होद में उलझे रहते हैं, जिसके कारण कोर्टली मामले सामने आते हैं, जिससे खिलाड़ियों को नुकसान होता है.
खडसे ने कहा, ''इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए और खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.'' विद्वानों को स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन एनएसएफ और मंत्रालय के बीच अधिक सामंजस्य भी होना चाहिए
उन्होंने कहा, ''यह लक्ष्य हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारा लक्ष्य 2036 ओलंपिक में शामिल होना है.'' इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा. मंत्रालय, एनएसएफ और आयो अलग-अलग दिशाओं में नहीं जा सकते, उनका लक्ष्य एक जैसा होना चाहिए. ''
स्वाधीनता के विषय पर मंत्रालय और आयोए के बीच समानताएं हैं.
खड़से ने कहा, ''मनसुख भाई (मंत्री मनसुख मांडविया) ने सभी एनएसएफ से बात की है और उनकी समझ और समझ की कोशिश की है. हम स्टाल्टबाजी को कम करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं ताकि प्रशासन को नुकसान न हो. हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ सांता मिले
भारत में डोपिंग की समस्या पर खेल राज्य मंत्री ने कहा, ''हम खिलाड़ियों, कोचों और अर्थव्यवस्था के लिए अनिवार्य डोपिंग रोधी शिक्षा देना शुरू कर रहे हैं.'' इसके साथ हम राज्य और जूनियर स्तर पर भी परीक्षण करना चाहते हैं. जो लोग स्नातक या डोपिंग की सुविधा देते हैं, उन्हें सख्त कानून के तहत अध्ययन में शामिल किया जाना चाहिए.