ढाका
इस साल बांग्लादेश की महिला फुटबॉल टीम ने दो एशिया कप में अपनी दावेदारी ठोक दी है। जून में रितुपर्णा सीनियर एशिया कप के आयोजन की तैयारी है, वहीं अगले महीने अंडर-20 महिला टीम पहली बार अंडर-20 एशिया कप में हिस्सा लेने जा रही है। अब अंडर-17 टीम भी इतिहास रचने के मुहाने पर खड़ी है। अगर वे कल जॉर्डन के अकाबा में चीनी ताइपे को हरा देती हैं, तो वे भी एएफसी अंडर-17 महिला चैंपियनशिप के मुख्य चरण में पहुंच जाएंगी।
टीम के मुख्य कोच सैफुल बारी टीटू ने साफ कहा है, “हमें अगर क्वालीफाई करना है तो जीतना ही होगा, और इसका कोई विकल्प नहीं है। चीनी ताइपे एक मजबूत टीम है। हमने देखा है कि उन्होंने जॉर्डन के खिलाफ कैसे गोल किए। हमें वही गलतियाँ नहीं दोहरानी होंगी जो जॉर्डन ने की थीं।”
बांग्लादेश ने अपने पहले मुकाबले में मेजबान जॉर्डन के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेला था। मैच की शुरुआत में ही तीसरे मिनट में प्रीति के गोल से बांग्लादेश ने बढ़त बनाई, लेकिन 89वें मिनट में डिफेंस की चूक से जॉर्डन ने बराबरी कर ली। दूसरी ओर, चीनी ताइपे ने जॉर्डन को 6-1 से हराकर धमाकेदार प्रदर्शन किया है।
अब ग्रुप से क्वालीफाई करने के समीकरण के मुताबिक, अगर कल का मैच ड्रॉ होता है तो जॉर्डन क्वालिफाई करेगा। यानी बांग्लादेश को किसी भी हालत में जीत हासिल करनी होगी। कोच टीटू ने माना कि टीम पर दबाव जरूर है, लेकिन खिलाड़ी मानसिक रूप से तैयार हैं। “थोड़ा दबाव है क्योंकि यह अंतिम मैच है और इसमें जीत के अलावा कोई रास्ता नहीं। हम इसके लिए मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हैं,” उन्होंने कहा।
टीम को न सिर्फ गोल करने होंगे, बल्कि गोल खाने से भी बचना होगा। इस पर कोच ने कहा, “हमारे दिमाग में यह साफ है कि सिर्फ डिफेंस नहीं, हमें ये भी सोचना है कि गोल कैसे करें। कभी-कभी एक गोल भी पूरे मैच की दिशा बदल देता है। इसलिए हम पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरना चाहते हैं।”
अब बांग्लादेश की अंडर-17 महिला टीम इतिहास रचने से सिर्फ एक जीत दूर है। क्या वे तीसरी एशियाई सफलता भी हासिल कर पाएंगी — इसका फैसला कल के अहम मुकाबले में हो जाएगा।