दुबई
एशिया कप 2025 के दौरान हुए विवादों को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने मंगलवार को सख्त कार्रवाई की। भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हारिस रऊफ पर खेल की छवि को नुकसान पहुँचाने के आरोप में जुर्माना लगाया गया है। वहीं, रऊफ को दो एकदिवसीय मैचों के लिए निलंबित भी किया गया है, जबकि भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को एक डिमेरिट अंक मिला है।
आईसीसी ने बताया कि रऊफ को भारत के खिलाफ दो अलग-अलग घटनाओं में दोषी पाया गया, जिसके लिए उन पर मैच फीस का 30-30 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया। इन दोनों घटनाओं के चलते उन्हें चार डिमेरिट अंक मिले, जो आईसीसी नियमों के अनुसार दो निलंबन अंक में बदले गए।
इस कारण रऊफ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही वनडे श्रृंखला के पहले दो मैच (4 और 6 नवंबर) नहीं खेल सकेंगे।
14 सितंबर को भारत के खिलाफ मैच के दौरान रऊफ ने भारतीय सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मज़ाक उड़ाते हुए “विमान गिराने” का इशारा किया था। उन्होंने 28 सितंबर को भी सीमा रेखा के पास भारतीय प्रशंसकों की ओर यही इशारा दोहराया, जिसके बाद उन पर सख्त कार्रवाई हुई।
आईसीसी ने सूर्यकुमार यादव को आचार संहिता के नियम 2.21 के उल्लंघन का दोषी पाया। यह नियम खेल की छवि को नुकसान पहुँचाने वाले आचरण से संबंधित है।
सूर्यकुमार ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और भारतीय सशस्त्र बलों के समर्थन में सार्वजनिक बयान दिया था, जिसे आईसीसी ने “राजनीतिक रूप से संवेदनशील” करार दिया। इसके लिए उन पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना और दो डिमेरिट अंक लगाए गए।
फाइनल मैच में रऊफ को बोल्ड करने के बाद बुमराह ने “विमान गिराने” का इशारा किया था। आईसीसी ने इसे खेल भावना के विपरीत आचरण माना और उन पर एक डिमेरिट अंक लगाया। बुमराह ने अपना दोष स्वीकार कर लिया, इसलिए औपचारिक सुनवाई की ज़रूरत नहीं पड़ी।
पाकिस्तान के बल्लेबाज साहिबजादा फरहान को भारत के खिलाफ अर्धशतक पूरा करने के बाद “बंदूक चलाने” का इशारा करने पर एक डिमेरिट अंक और आधिकारिक चेतावनी दी गई।
वहीं, भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह के मामले में आईसीसी ने किसी तरह की सजा नहीं दी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वह पाकिस्तानी दर्शकों का मजाक उड़ाते दिखे थे, लेकिन मैच रैफरी ने इसे आपत्तिजनक नहीं माना।
टूर्नामेंट के दौरान भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था। फाइनल के बाद विवाद और बढ़ गया जब भारतीय टीम ने एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। नाराज नकवी ट्रॉफी लेकर चले गए, और रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक भारतीय टीम को ट्रॉफी नहीं सौंपी गई है।
आईसीसी की ओर से कहा गया कि इन सभी फैसलों का उद्देश्य खेल की प्रतिष्ठा को बनाए रखना और मैदान पर अनुशासन सुनिश्चित करना है।