मंडिया जामा मस्जिद की सालों पुरानी मांग पूरी, ऐतिहासिक बारपेटा सतरा ने कब्रिस्तान के लिए दी पांच बीघा जमीन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-02-2023
मंडिया जामा मस्जिद की सालों पुरानी मांग पूरी, ऐतिहासिक बारपेटा सतरा ने कब्रिस्तान के लिए दी पांच बीघा जमीन
मंडिया जामा मस्जिद की सालों पुरानी मांग पूरी, ऐतिहासिक बारपेटा सतरा ने कब्रिस्तान के लिए दी पांच बीघा जमीन

 

मुकुट सरमा / गुवाहाटी

असम निस्संदेह हिंदू-मुस्लिम सद्भाव का प्रतीक है. यह एक ऐसी भूमि है, जहां मुसलमानों की अजान और हिंदुओं के शंख की आवाज एक परिपूर्ण स्वर-ध्वनि बनाती है. इसी तरह मुसलमानों का पोआ मक्का और हिंदुओं का हयग्रीव माधव मंदिर साथ-साथ मौजूद है, जो सांप्रदायिक सहिष्णुता और सह-अस्तित्व के युग का प्रतीक है.

वैष्णव संत सुधारक श्रीमंत शंकरदेव और सूफी संत अजान पीर की इस भूमि में सांप्रदायिक सौहार्द के उदाहरणों की लंबी सूची में जोड़ने के लिए, ऐतिहासिक बारपेटा सतरा और मांडिया जामा मस्जिद के पदाधिकारियों ने हाल ही में भाईचारे, एकता को और मजबूत करने के लिए एक और पहल की है.

असम में दो धर्मों के अनुयायियों के बीच एकजुटता और भाईचारा के लिए बारपेटा सतरा ने पश्चिमी असम के बारपेटा जिले में मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र मंडिया में कब्रिस्तान का विस्तार करने के लिए मस्जिद को 5 बीघा (1.65 एकड़) जमीन दान की है.

 

https://www.hindi.awazthevoice.in/upload/news/167646164903_Mandia_Jame_Masjid's_long_felt_need_fulfilled,_historic_Barpeta_Satra_donates_5_bigha_of_land_for_expansion_of_graveyard_2.jfif

जब कुछ अति-सांप्रदायिक सोच वाले लोग समाज को विभाजित करने के लिए शांति, एकजुटता और सद्भावना, विश्वास और भाईचारे को लगातार भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे समय में सद्भाव का इससे अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता, जब महापुरुष माधवदेव (शंकरदेव के शिष्य) द्वारा स्थापित बारपेटा (1583 में) एक मस्जिद को भूमि का भूखंड दान किया है.

बारपेटा सतरा के पदाधिकारियों ने सतरा के तत्कालीन प्रमुख (बुद्ध सतरिया) स्वर्गीय बशिष्ठ देव सरमा की लंबे समय से चली आ रही इच्छा को पूरा किया है, और समाज में असहिष्णुता और नफरत के माहौल को खत्म करके सद्भावना और विश्वास का माहौल बनाया है.

मंडिया जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के सदस्य अब्दुल कलाम आजाद ने कहा, ‘‘2008 के बाद से, हमने बारपेटा सतरा और मंडिया जामे मस्जिद की सीमाओं पर कई बैठकें की हैं. 2008 में शुरू हुई चर्चा आखिरकार आज खत्म हो गई.

तमाम इंतजार के बाद बारपेटा सतरा के अधिकारियों ने हमारी मस्जिद और कब्रिस्तान (कबरस्तान) के नाम पर 5 बीघा से ज्यादा जमीन दान करने का फैसला किया है. यह पहल बारपेटा सतरा के भूतपूर्व बुद्ध सतरिया स्वर्गीय बशिष्ठ देव सरमा के संरक्षण में शुरू हुई थी. इसलिए, आज हम सभी उन्हें श्रद्धा से याद करते हैं.’’

 

https://www.hindi.awazthevoice.in/upload/news/167646169903_Mandia_Jame_Masjid's_long_felt_need_fulfilled,_historic_Barpeta_Satra_donates_5_bigha_of_land_for_expansion_of_graveyard_3.jfif

आजाद ने बताया कि बारपेटा सतरा के डेका सत्रिया गौतम पाठक, सतरा प्रबंध समिति के सचिव प्रभात दास सहित प्रबंध समिति के अधिकारी मंडिया जामे मस्जिद ईदगाह मैदान में मौजूद थे और अधिकारियों द्वारा मस्जिद को भूमि दान समारोह के दौरान पांच बीघा जमीन का दान, असम के समाज में पारस्परिक सम्मान का एक असाधारण उदाहरण था.

बारपेटा सतरा के अधिकारियों ने आज मानवता दिखाई है. उन्होंने समाज को यह संदेश दिया है कि हमें मानवता के लिए काम करना चाहिए, न कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और जैन के लिए. समाज को धर्म के आधार पर बांटने वाली ताकतों को उनसे सीख लेनी चाहिए.

 

https://www.hindi.awazthevoice.in/upload/news/167646173003_Mandia_Jame_Masjid's_long_felt_need_fulfilled,_historic_Barpeta_Satra_donates_5_bigha_of_land_for_expansion_of_graveyard_4.jfif

बारपेटा सतरा प्रबंधन समिति के सदस्य अशोक कुमार दास ने आवाज-द वॉयस को बताया, ‘‘2008 में मंडिया जामा मस्जिद के अधिकारियों ने उनके कब्रिस्तान से सटे बारपेटा सतरा की कुछ भूमि के लिए संपर्क किया. उन्होंने हमसे कब्रिस्तान का विस्तार करने के लिए जमीन मांगी.

स्वर्गीय बशिष्ठ देव सरमा ने मामले को गंभीरता से लिया और उन्हें जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की. हालांकि, विभिन्न कारणों से कई वर्षों तक काम में देरी हुई. जब मस्जिद प्रबंधन पैनल ने फिर से सतरा अधिकारियों से संपर्क किया, तो स्वर्गीय बशिष्ठ देव सरमा के नेतृत्व वाली सतरा प्रबंधन समिति ने आखिरकार पिछले साल अगस्त में मस्जिद अधिकारियों को 5 बीघा जमीन सौंपने का फैसला किया.

उस निर्णय के अनुपालन में, हमने हाल ही में मंडिया जामा मस्जिद के अधिकारियों को उनके कब्रिस्तान का विस्तार करने के लिए भूमि दान की है.’’

बुधवार को एक जनसभा में क्षत्र की 5 बीघा जमीन आधिकारिक तौर पर मंडिया जामे मस्जिद प्रबंधन समिति को सौंप दी गई. बैठक का आयोजन मंडिया जाम मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा किया गया था और इसमें बारपेटा सतरा के डेका सत्रिया गौतम पाठक सहित प्रबंधन समिति के 13 पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया था.

https://www.hindi.awazthevoice.in/upload/news/167646162203_Mandia_Jame_Masjid's_long_felt_need_fulfilled,_historic_Barpeta_Satra_donates_5_bigha_of_land_for_expansion_of_graveyard_5.jfif

सौहार्दपूर्ण वातावरण के बीच मंडिया जामे मस्जिद प्रबंधन समिति ने सतरा प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों का अभिनंदन किया. बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लेने वाले दिवंगत बशिष्ठ देव सरमा को भी श्रद्धांजलि दी गई. जामा मस्जिद प्रबंधन समिति ने भी बुद्ध सत्रिया के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए एक मिनट का मौन रखा.