मोमिनपुर की साइमा खान ने UPSC में 165 वीं रैंक हासिल की, बताए कामयाबी के गुर

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 19-04-2024
Mominpur's Saima Khan secured 165th rank in UPSC, told the secrets of success
Mominpur's Saima Khan secured 165th rank in UPSC, told the secrets of success

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
"मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता, जब कभी आपको असफलता मिले तो उसे सफलता की ओर अग्रसर एक और कदम मानकर आगे बढ़ें, कामयाबी जरूर मिलेगी" ये कहना है मोमिनपुर के वार्ड 78 की रहने वाली साइमा खान का जिन्होनें प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा परीक्षा में 165वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की है. उन्होंने चौथे प्रयास में परीक्षा पास की.

साइमा खान ने आवाज को बताया कि जब UPSC के परिणाम घोषित हुए तो उन्होनें बार बार अपना नाम और रील नंबर जांचा और ये सुनिश्चित किया कि 165वीं रैंक उन्हें हासिल हुई है. इस कामयाबी के बाद सईमा खान के परिजन काफी खुश हैं. अपनी शुरुवाती तैयारी के बारे में साइमा खान कहतीं हैं कि "सबका अपना प्लान अपनी रणनीति होती है.
 
मेरी प्लांनिग ये थी कि मुझे पढ़ना बहुत पसंद है. तो जितनी ज्यादा किताबें मैं पढ़ सकती थी मेने पढ़ी. रिवीजन मेने किया, मोक टेस्ट मेने दिए और इस परीक्षा में सफलता के लिए आप अपने पढ़ाई के रिसोर्सेस लिमिटेड रखो ये भी बहुत ज्यादा जरूरी है."
 
 
साइमा खान ने आवाज को बताया कि "मेरा सब्जेक्ट समाजशास्त्र रहा उसमें मेरा ग्रेजुएशन है ऑप्शनल विषय भी मेरा वहीं है. और इस खास विषय ने ही मुझे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित किया.
 
2017 में कोलकाता से St. Xavier's College से मेने समाजशास्त्र में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. उन्होनें बताया कि 2 अटेम्प बिना कोचिंग के देने के बाद उन्हें ये अहसास हुआ कि बिना कोचिंग ये परीक्षा उतरिण करना कठिन है. Educrat IAS से साइमा खान ने कोलकाता में कोचिंग ली. और उन्होनें अपने गुरुओं का धन्यवाद अदा किया. जिन्होनें उन्हें हर कदम पर सही और गलत बताया."
 
अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान, उन्होंने समाजशास्त्र ऑनर्स की डिग्री ली और तब पहली बार उन्होंने सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा जताई. “मैं एक एनजीओ से जुड़ा था. जमीनी स्तर पर लोगों के साथ बातचीत करते हुए, मुझे एहसास हुआ कि मैं उनके लिए कुछ करना चाहती थी, अगर यह छोटा था, ”साइमा ने कहा. "ऐसे काम करने के लिए, मुझे कुछ संस्थागत प्राधिकार की आवश्यकता थी और तभी, मैंने यूपीएससी पास करने का फैसला किया," साइमा ने कहा, जो एजुक्रेट आईएएस अकादमी की छात्रा थी और बाद में अपनी प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद कुछ समय के लिए अन्य उम्मीदवारों का मार्गदर्शन करने के लिए संस्थान में शामिल हो गई. 
 
 
साइमा खान ने अपनी पढ़ाई के घंटे याद करते हुए कहा कि "मैं बिना घड़ी देखे पढ़ती थी. और महीनों तक यही चला, मेरी सोशल लाइफ खत्म हो चुकी थी इंटरनेट का उपयोग भी मेने पढ़ाई के लिए किया लेकिन बहुत ही सीमित तरीके से. डिजिटल मीडिया से मेने ऑनलाइन नोट्स बनाए. 
 
नतीजों तक के अपने सफर के बारे में बात करते हुए साइमा ने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान सोशल मीडिया या यहां तक कि सामाजिक जीवन का भी विरोध किया. “मैं चार-पाँच साल तक रिश्तेदारों के यहाँ बाहर नहीं जाऊँगा या शादी की पार्टियों में शामिल नहीं होऊँगी. लगभग एक महीने में मेरी एकमात्र सामाजिक गतिविधि अपने बचपन के दोस्तों से मिलना थी. मेरे पास प्रतिदिन पढ़ाई की कोई निश्चित अवधि नहीं थी, लेकिन मैं पढ़ाई पर जितना संभव हो उतना समय बिताता था, ”किडरपोर निवासी ने कहा.
 
सामने आई चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने याद किया, “असफलता सबसे बड़ी चुनौती थी. तीन प्रयासों में असफल होने के बाद, मुझे लगभग हर दिन हार मानने जैसा महसूस होता था लेकिन मेरे पास अपने करियर के लिए कोई प्लान बी नहीं था. मेरे सारे सपने यूपीएससी के आसपास थे और मैं जानता था कि अगर कुछ हो सकता है, तो वह यही होगा.''
 
 
 
उन्होंने यूपीएससी के अभ्यर्थियों को सलाह देते हुए कहा, “अपने बारे में ईमानदार रहें. यदि आप पांच घंटे पढ़ रहे हैं, तो इसे केवल मात्रात्मक समय के बजाय गुणवत्तापूर्ण समय बनाएं. लगातार बने रहें और परिणामों के बारे में ज्यादा चिंता किए बिना अपनी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करें.” 
 
साइमा खान ने बताया कि "मेरी पढ़ाई मेरे लेपटॉप और मेरे टेब पर ही हुई है. पर मेरा ज्यादा फोकस किताबों की पढ़ाई में ही था. लेकिन विस्तृत जानकारी और सोर्सेस के लिए डिजिटल मीडिया काफी मददगार रहा. लेकिन ऐसे वक़्त में हमे ये ध्यान रखना चाहिए कि हम अपनी राहों और अपने उदेश्य से भटके न. तो छात्र के तोर पर हमे केवल पढ़ाई के संबंध में ही कंटेंट देखना चहिये और बाकी चीज़ों को दूर रखना चाहिए क्योंकि उसके लिए तो पूरी जिंदगी बाकी है."
 
अंत में सईमा खान ने बताया कि उनको अपॉइंटमेंट लेटर 1 महीने के अंदर मिलने की उम्मीद है. दिलदारनगर थाना क्षेत्र के उसियां गांव की रहने वाली सईमा खान ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वह पश्चिमी बंगाल के कोलकाता स्थित प्रमुख उद्यमी और गाजीपुर की सेवराईं तहसील क्षेत्र के उसिया (दक्षिण मोहल्ला) के मूल निवासी सेराज अहमद खान की बेटी हैं.