पूर्व मंत्री आरिफ अकील का निधन, मप्र में शोक की लहर, दिग्गज नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, बड़ा बाग कब्रिस्तान में होंगे सुपुर्द-ए-खाक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 30-07-2024
Arif Aqeel no more
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अब्दुल वसीम अंसारी / भोपाल

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के निवासी और पूर्व मंत्री आरिफ अकील ने 72 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्हे सीने में दर्द की शिकायत के चलते भोपाल के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके इंतकाल की खबर खबर से प्रदेश में शोक की लहर है.

बता दें, आजादी के बाद से मध्य प्रदेश से मुस्लिम समाज में ऐसे बहुत कम राजनेता हुए हैं, जिन्होंने राजनीति में रिकॉर्ड कायम किया हो. पक्ष हो या विपक्ष, दोनों स्तर पर छवि बेहतर बनाए रखने के लिए आरिफ अकील जाने जाते हैं.

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आरिफ अकील का राजनीतिक कैरियर 40 बरस का है, जिसमें उन्होंने कई ऊंचे मुकाम हासिल किए हैं. वह मध्य प्रदेश के इकलौते ऐसे मुस्लिम विधायक थे, जिन्होंने लगातार जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड कायम किया है. वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वास्थ खराब होने के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. कांग्रेस ने उनके पुत्र आतिफ अकील को अपना उम्मीदवार बनाया, जिन्होंने एक बड़ी जीत दर्ज की और विधायक बने.

शेर-ए-भोपाल के नाम से जाने वाले आरिफ अकील ने भोपाल उत्तर से लगभग 40 बरस तक सियासत की. उनका जीवन हमेशा साधारण रहा. उन्हें चमड़े से एलर्जी थी. इसलिए वह हमेशा रबर की स्लीपर पहना करते थे. कांग्रेस शासनकाल में दो बार मंत्री भी रहे. उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण, जेल और खाद्य विभाग की जिम्मेदारी संभाली.

भोपाल शहर में स्थित ‘आरिफ नगर’ आरिफ अकील की बेहतरीन उपपब्धियों में से एक है. उन्होंने वो काम किए, जो इंसान और ईश्वर दोनों की निगाह में बेहतर है, जिसका जिक्र आज भी लोगों की जुबान पर रहता है. दरअसल, उन्होंने भोपाल शहर के फुटपाथ, कब्रिस्तान और सड़क पर सोने वाले लोगों को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के आधिपत्य की भूमि पर बसाकर आरिफ नगर बसाया था.

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आरिफ अकील की राजनीतिक शुरुआत की बात करें, तो उनकी राजनीति की शुरुआत छात्र जीवन से हुई थी जब वे पहली मर्तबा सैफिया कॉलेज के चेयरमैन बने और लंबे समय तक कॉलेज में उनका दबदबा कायम रहा. और उसके बाद उन्होंने विधानसभा में कदम रखा और फिर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और भोपाल उत्तर की विधानसभा में एकतरफा राज किया, जिसके सियासी पायों को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गोद लेने का असर भी डिगा नहीं पाया. उन्होंने भाजपा के कई दिग्गज नेताओं को राजनीतिक मुकाबलों में शिकस्त दी है. साथ ही, बताया जाता है कि भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से आरिफ अकील वर्ष 1990 में आरिफ निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गए थे और वर्ष 1998 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और वे वर्ष 2018 तक विधानसभा चुनावो में जीत हासिल करते रहे.

बताया जा रहा है कि आरिफ कोरोना काल से ही बीमारी से जूझ रहे थे और रविवार को सीने में दर्द की तकलीफ के चलते उन्हें भोपाल शहर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उनकी तबीयत सुधरने की जगह और बिगड़ती हुई चली गई और इतवार-सोमवार की दरमियानी रात में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनका जनाजा लक्ष्मी टाकीज सराय से दोपहर 3 बजे सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के लिए बड़े बाग वाले कब्रिस्तान ले जाया जाएगा. इससे पूर्व उनके जनाजे की नमाज बाल विहार रोड पर अदा की जाएगी.

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उनकी मौत की खबर जैसे ही सार्वजनिक हुई राजनीति में मानो जैसे शौक की लहर दौड़ गई हो और दिग्गज नेताओं सहित आमलोगो की प्रतिक्रिया सामने आने लगी, जिसमें दोनों ही प्रमुख दलों के राजनेताओं के नाम शामिल हैं.

आरिफ अकील के व्यव्हार को लेकर आवाज-द वायस से बात करते हुए भोपाल के सीनियर पत्रकार मोहम्मद शरीफ खान कहते है कि उनका राजनीतिक जीवन काफी सादा और दिलचस्प रहा है. उन्होंने भोपाल की उत्तर विधानसभा पर एकतरफा राज किया है और हिंदू-मुस्लिम एकता की एक बेहतरीन मिसाल रहे. मुझे आज भी याद है कि जब उन्होंने एक गैरमुस्लिम को अपना रक्तदान करते हुए उसकी जान बचाई थी, जबकि उस समय वे विधायक भी नहीं बने थे, बल्कि सैफिया कॉलेज के प्रेसिडेंट थे.

गैस पीड़ित संगठन की राशीदा बी ने आवाज-द वायस हिंदी से बात करते हुए बताया कि राजनीतिक जीवन में उतार चढाव आते रहते हैं और वो जिस तरफ आपको ढालना चाहे, आप उस तरफ ढल जाते है. आरिफ अकील ने वैसे तो बहुत से लोगों के लिए कई काम किए हैं, और अच्छे काम किए है, लेकिन गैस पीड़ितों के लिए जरूर कहना चाहूंगी कि उन्होंने कुछ खास नहीं किया, जबकि वे गैस राहत मंत्री भी रहे है. खैर अब उनका इंतकाल हो चुका है, यही दुआ करूंगी की अल्लाह उन्हें जन्नत नसीब करे.

भोपाल से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद अपने एक्व अकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखते है कि पूर्व मंत्री आरिफ अकील साहब के इंतेकाल से भोपाल शहर का बड़ा नुक़सान हुआ है. आपके इस दुनिया से रुखसत होने का मुझे बेहद अफसोस है! अल्लाह आपकी मगफिरत फरमाएं, दरजात बुलंद फरमाएं और परिवार को सब्र-ए-जमील अता फरमाए! आमीन.

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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखते हैं, कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक आरिफ अकील जी के निधन का दुःखद समाचार है. मैं गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को यह असीम दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता है. भावपूर्ण नमन.

वहीं, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने एक्स ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि मध्यप्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री और भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक आरिफ अकील जी के निधन का दुखद समाचार मिला. ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं. विनम्र श्रद्धांजलि!

इसके अतिरिक्त कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि हमें बेहद दुख है, मेरे मित्र व भाई आरिफ अकील का आज निधन हो गया. युवक कांग्रेस से लेकर आज तक हमारा लगभग 40 वर्षों का भाई समान पारिवारिक संबंध रहा. अल्लाह ताला से हम दुआ करते हैं उन्हें जन्नत अता फरमाएं.

 

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