क्यों बिगड़ गए हैं अमीरात और पाकिस्तान के रिश्ते

Story by  हरजिंदर साहनी | Published by  [email protected] | Date 01-12-2025
Why have relations between the UAE and Pakistan deteriorated?
Why have relations between the UAE and Pakistan deteriorated?

 

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हरजिंदर

लंबे अर्से तक खाड़ी के देशों में अपने लिए स्थाई जगह को लेकर आश्वस्त पाकिस्तान इस समय मुसीबत में है। वह यह मानकर चलता रहा है कि एक इस्लामिक देश होने के नाते इन देशों का प्राकृतिक सहयोगी है और उसका धार्मिक चरित्र उसे इस इलाके में बढ़त देता रहेगा।

लेकिन पिछले कुछ साल में चीजे बदलने लगी हैं। खासकर संयुक्त अरब अमीरात से पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर। पाकिस्तान के कुशल और अकुशल दोनों ही तरह के नौजवानों के लिए अमीरात हमेशा से रोजगार के मामले में उम्मीद की एक बड़ी किरण रहा है। फिर वहां से एक बड़ा निवेश भी पाकिस्तान आता रहा है।

पिछले हफ्ते यह खबर आई कि अमीरात ने पाकिस्तानियों को सभी तरह का वीज़ा जारी करना बंद कर दिया है। अब सिर्फ डिप्लोमेटिक वीज़ा ही जारी किए जा रहे हैं।
अमीरात ने इसके दो कारण गिनाए हैं।

एक तो यह कि अमीरात में पाकिस्तानी नागरिक कईं बड़ी आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। दूसरा यह कि कुछ पाकिस्तानी दुबई और आबूधाबी में भिखारियों का गैंग चलाते हैं जिसके लिए पाकिस्तान से सिर्फ भीख मांगने के लिए ही लोग बुलाए जाते हैं। पासपोर्ट जारी करने पर रोक इन्हीं तरह की अराजकताओं पर रोकने के लिए लगाई गई है।

यह सब कोई नई बात भी नहीं है। बहुत से ऐसे आपराधिक गैंग दुबई से चलते रहे हैं जो पाकिस्तान और भारत में अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। याद कीजिए दुबई से ही दाउद इब्राहिम गैंग भी अपनी बहुत सी गतिविधयों को अभी तक दुबई से ही अंजाम देता रहा है।

हालांकि खुद दाउद अब पाकिस्तान के कराची में रह रहा है।यहां एक और बात पर गौर करना भी जरूरी है। दुबई की गिनती एशिया के उन बड़े शहरों में की जाती है कानून व्यवस्था बहुत बेहतर ढंग से चलती है। वहां आमतौर पर अमन ही दिखाई देता है।

और ये गैंग क्योंकि अपनी गतिविधियां भारत और कुछ हद तक पाकिस्तान में करते रहे हैं इसलिए स्थानीय प्रशासन को लंबे समय तक उनके कोई खास परेशानी भी नहीं रही है।

दुबई से इस तरह के गैंग चलाने का सिलसिला उस समय शुरू हुआ था जब यह खाड़ी का यह सबसे आधुनिक शहर भारत को तस्करी से सोना भेजने का केंद्र बन गया था। बाद में जब भारत ने सोने के आयात को उदार और सरल बना दिया तो बड़े स्तर पर सोने की तस्करी में ज्यादा फायदा नहीं रह गया। इसके बाद ये गैंग हत्या करवाने से लेकर फिरौती वसूलने तक के काम करने लगे। हवाला के जरिये आतंकवादियों को पैसे भिजवाने में भी उनका इस्तेमाल होने लग गया।

एक कहावत है कि सांप अगर आपकी आस्तीन में है तो कभी न कभी वह आपको डसना भी शुरू कर देगा ही। यह बात अब अमीरात को और खासकर दुबई प्रशासन को महसूस होने लगी है। इसलिए उसने वीज़ा जारी करने जैसा बड़ा कदम उठाया है।

अमीरात यह भी महसूस करता रहा है कि पश्चिम एशिया के जो समीकरण हैं उनमें पाकिस्तान अक्सर उन देशों के साथ खड़ा दिखाई देता रहा है जिनसे उसकी खटपट रही है। इसी दौरान अमीरात भारत के करीब आया है और पाकिस्तान में इसे लेकर काफी कुछ कहा और लिखा जा चुका है।

वैसे दोनों देशों के रिश्ते खराब होने का यह सिलसिला 2015 में शुरू हुआ था जब अमीरात ने यमन में आॅपरेशन की योजना बनाई थी और पाकिस्तान ने इस मसले पर उसके साथ खड़े होने से इनकार कर दिया था।फिलहाल मामला सिर्फ वीज़ा जारी करने पर रोक तक का ही नहीं है पाकिस्तान में होने वाला अमीरात को निवेश भी तकरीबन बंद हो गया है। 

  (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

 

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