हरजिंदर
दुनिया भर में अदालतों के बहुत से फैसले ऐसे होते हैं जिन्हें इंसाफ कहा जा सकता है. लेकिन कुछ फैसले इससे भी आगे बढ़कर होते हैं. उनमें सिर्फ इंसाफ ही नहीं होता बल्कि समाज की सोच भी बदली जाती है. उसे सही राह भी दिखाई जाती है. पिछले हफ्ते कनाडा की एक अदालत ने ऐसा ही एक फैसला दिया जिसका उदाहरण आने वाले लंबे समय तक दुनिया भर में दिया जाएगा.
सबसे पहले बात करते हैं उस घटना की जिसे लेकर यह फैसला हुआ. यह बात छह जून 2021 की है. ओंटोरियो के पास लंदन नाम के एक नगर में एक मुस्लिम परिवार घूमने के लिए निकला था. तभी एक पिकअप ट्रक ड्राईवर ने उन पर ट्रक चढ़ा दिया. परिवार के चारों लोग वहीं मारे गए.
उस समय के अखबारों में छपी खबरों के अनुसान, घटना के तुरंत बाद उस ट्रक ड्राईवर नेथनियल वेल्टमैन ने कहा- ‘मैने यह कर दिखाया. मैने इन लोगों को मार डाला‘. जल्द ही यह साबित हो गया कि यह दुर्घटना नहीं थी. उन पर यह ट्रक जानबूझकर चढ़ाया गया था. नेथनियल वेल्टमैन के मन में इसे लेकर कोई संताप भी नहीं था. उल्टे वह तो इसे अपना कारनामा मान रहा था.
बाद के दिनों में यह पाया गया वह दरअसल उन लोगों में था जिन्हें व्हाइट सुपरमेसिस्ट कहा जाता है. यानी वे लोग जो मानते हैं कि श्वेत नस्ल के लोग सर्वश्रेष्ठ होते हैं. उनकी दुनिया से बाकी सभी लोगों को चले जाना चाहिए.
यह भी पता पड़ा कि कनाडा में सोशल मीडिया के जरिये एशियाई और अफ्रीकी लोगों के खिलाफ जो नफरत का अभियान चलाया जा रहा है, वह उसका शिकार था.
इसमें यकीन करने लगा था कि इनके सफाए से ही सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी. मुकदमा जब चला तो इस नफरत अभियान में लगे कुछ लोग उसके समर्थन में भी उतरे, लेकिन कनाडा के पूरे समाज ने उसकी निंदा ही की.
लेकिन पिछले हफ्ते कनाडा की सबसे ऊंची अदालत ने इस मामले में जो फैसला सुनाया वह कनाडा में चले इस मामले के पूरे विमर्श से कहीं आगे की बात कहता है. अदालत ने अपने फैसले में नेथनियल वेल्टमैन का नाम नहीं लिया और उसे आतंकवादी कहा.
अदालत ने एक तरह से आतंकवाद की एक नई और महत्वपूर्ण परिभाषा ही दे दी. अभी तक दुनिया भर में जब भी आतंकवाद की बात होती है तो इसमें बहुत सारे किंतु-परंतु लगाए जाते हैं. आमतौर पर आतंकवादी उन लोगों को कहा जाता है जो किसी अतिवादी सोच वाले संगठन से जुड़े होते हैं और किसी हिंसा को अंजाम देते हैं.
एक और सोच यह भी होती है कि किसी देश के बहुतसंख्यक आबादी से जुड़े अतिवादी को आतंकवादी कहने से बचा जाए, लेकिन कनाडा की अदालत ने इस पूरी सोच से अलग परिभाषा दी है.अदालत की परिभाषा बहुत सीधी है- जो लोगों को आतंकित करने के लिए कोई वारदात करे वह आतंकवादी है. अदालत के फैसले में उस नफरत के अभियान का भी जिक्र किया नेथनियल वेल्टमैन जिसके असर में था.
यही सच भी है. आतंकवाद सिर्फ राजनीतिक विचारधारा से ही नहीं उपजता, वह उस नफरत से भी पैदा होता है जो लोेगों को हिंसा करने के लिए भड़काती है. हमारे दौर की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ऐसी नफरत तकरीबन हर जगह ही बढ़ाई और भड़काई जा रही है.क्या दुनिया भर की सरकारें कनाडा की अदालत के इस फैसले से कोई सबक लेंगी.
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं )