भारतीय मुसलमान गाजा को मदद पहुंचाने के चक्कर में धन और समय बर्बाद न करें !

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-04-2024
Indian Muslims are desperate to send aid to Gaza Strip, is this possible?
Indian Muslims are desperate to send aid to Gaza Strip, is this possible?

 

hashmiमलिक असगर हाशमी

यह अहम सवाल उन लोगों के लिए है जो गाजा में इजरायल और हमास के बीच जंग से पीड़ित फिलिस्तीनियों तक मदद पहुंचाने को बेचैन नजर आ रहे हैं. पिछले कई दिनों से इस लेखक के पास कई लोगों के फोन आ रहे हैं और यह जानना चाहते हैं कि क्या मैं गाजा के फिलिस्तीनियों तक आर्थिक या खाने-पीने के सामान से मदद पहुंचाने में उनकी मदद कर सकते हैं. चूंकि अभी रमजान का महीना चल रहा है,

ऐसे में मुसलमान फितरा-जकात निकालते हैं. इनमें से एक वर्ग को लगता है कि इस पैसे को गाजा के फिलिस्तीनियों के दुख-दर्द को दूर करने पर खर्च किया जा सकता है. इस बीच सोशल मीडिया पर ऐसे कई संदेश भी नजरों से गुजरे जो गाजा वासियों तक पहुंचाने के लिए नंबर और एकाउंट डिटेल उपलब्ध कराने का दावा कर रहे थे.

ऐसा ही एक संदेश किसी ने मुझे वाट्सअप किया. इसका तजकिरा जब अपने परिजनों से किया तो वे भी गाजा के फिलिस्तीनियों को इमदाद देने को तैयार हो गए और मुझे जरिया बनाने का प्रयास किया.इसके बाद आइडिया आया कि यह जानकारी हासिल की जाए कि क्या वास्तव में भारतीय अपने दम पर सीधे गाजा तक मदद पहुंचा सकते हैं ?

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व्हाट्स अप पर चलने वाला मैसेज


इस सवाल का उत्तर जानने के लिए जमात इस्लामी के दफ्तर से लेकर कई मुस्लिम संगठनों एवं वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत की. बाद में इस नतीजे पर पहुंचा कि गाजा के लोगों तक जो लोग सीधे मदद पहुंचाने के ख्वाहिशमंद और उनकी ख्वाहिश को पूरा करने का दावा कर रहे हैं, दरअसल पैसे गंवाने से ज्यादा कुछ नहीं.जमाअत इस्लामी हिंद के शकील अहमद के ने बताया कि भारत मंे अभी कोई संगठन गाजा के लोगों के लिए काम नहीं कर रहा है. ऐसा जो भी दावा करता है, गलत बयानी कर रहा है. लोगों को इससे बचना चाहिए.

गाजा के मौजूदा हालात में वहां के लोगों तक सहायता पहुंचाना संभव नहीं . इकलौता एक मिस्त्र है, जो यह काम कर रहा है और वह भी गाहे-बगाहे. इजरायल यदि अनुमति देता है तो दो चार ट्रक सामग्री गाजा तक पहुंच जाती है. इसके साथ यह भय भी बना रहता है कि सहायता सामग्री पहुंचाने वाला सही-सलामत वापस आएगा भी या नहीं ? हाल में सहायता कार्य में लगे इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन -वन किचन’ के सात कार्यकर्ता गाजा में इजरायली हमले में मार दिए गए थे.

इसके अलावा इजरायल और हमास के पहले दौर के समझौते में भारत ने भी सहायता सामग्री अंतरराष्ट्रीय संगठन के माध्यम से पहुंचाई है. यूएई और दूसरे अरब देश भी इस प्रयास में लगातार हैं कि किसी तरह गाजा वासियों तक सहायता पहुंचाई जाए.विदेश मंत्रालय के अनुसार, फिलिस्तीन के लोगों के लिए लगभग 6.5 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर आईएएफ सी-17 उड़ान मिस्र के एल-अरिश हवाई अड्डे गई थी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहते हैं, सामग्री में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता उपयोगिताएं, जल शोधन टैबलेट सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं.भारत में कुछ लोग नई दिल्ली के फिलिस्तीन दूतावास के माध्यम से गाजा तक इमदाद पहुंचाना चाहते हैं. कुछ सूचनाएं तो ऐसी हैं कि कई लोग वहां मोटी रकम जमा भी कर आए .यहां फिर सवाल उठता है कि क्या भारत का फिलिस्तीन दूतावास गाजा तक सहायता सामग्री पहुंचा सकता है ?

इसका भी जवाब है नहीं. रमल्ला और वेस्ट बैंक के बीच में इजरायल है. ऐसे में भला यहां से वह कैसे सहायता सामग्री जाने देगा. इसके अलावा एक और बड़ी वजह है फिलिस्तीन के प्रेजिटेंड महमूद अब्बास अल-फतह ग्रुप से संबंधित हैं और हमास और इसके बीच नहीं बनती.

ऐसे में भला महमूद अब्बास क्यों माध्यम बनेंगे. एक मीडिया आउटलेट का कहना है कि नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीन दूतावास में जो लोग धनराशि जमा कर आए, वे पैसे उनके कर्मचारियों के वेतन आदि पर खर्च कर दिए गए. इसमें कितनी सच्चाई है या तो जांच का विषय है.

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इस मुद्दे को लेकर अब तक की छानबीन यह बताती है कि गाजा के लोगों को अभी पैसे और खाने से कहीं अधिक राजनयिक स्तर पर मदद की जरूरत है. भारत अलग फिलिस्तीन के मुद्दे पर यूएन मंे अपनी सहमति जता चुका है. विदेश मंत्री एस जयशंकर कह चुके हैं कि भारत हमास के हमले का विरोध करने के साथ फिलिस्तीन के दो राष्ट्र के सिद्धांत का हिमायती रहा है.

जबकि इस मामले में मुस्लिम देशों का रवैया अब तक ढुलमुल है. यहां तक कि इस्लामिक देशों का संगठन गाजा में अब तक अपना प्रतिनिधिमंडल तक नहीं भेज पाया है. हाल में एक खबर आई थी कि तुर्की इजरायल की असलहा  से मदद कर रहा है. ऐसे में भारतीय मुसलमानों का गाजा वासियों तक मदद पहुंचाने को लेकर परेशान होना दरअसल, समय और धन की बर्बादी से ज्यादा कुछ नहीं.

गाजा के बाहर कोई आपके भेजे हुए सामान लेने के लिए नहीं खड़ा है. आप तो बस एकजुटता दिखाएं और सरकार की सहायता से गाजा वासियों को हर तरह से मदद पहुंचाने का प्रयास करें. आपकी यही बड़ी उपलब्धि होगी.