इस्लामफोबिया की राजनीति के दबाव में आस्ट्रेलिया

Story by  हरजिंदर साहनी | Published by  [email protected] | Date 16-12-2025
Australia is under pressure from the politics of Islamophobia.
Australia is under pressure from the politics of Islamophobia.

 

dहरजिंदर

पिछले कुछ समय से आस्ट्रेलिया से जो खबरें आ रही हैं वे परेशान करने वाली हैं। चंद रोज पहले आस्ट्रेलिया की संसद ने देश में 14 साल तक की मुस्लिम बच्चियों के स्कार्फ पहनने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी। यह पहला मौका है जब वहां की सरकार को उन कट्टरपंथियों के दबाव में झुकना पड़ा है पिछले काफी समय से इस्लामफोबिया केा हवा दे रहे हैं।

यह इस्लामफोबिया अचानक ही कैसे बढ़ा इसके बारे में दो तरह की बातें कहीं जाती हैं। एक तो यह माना जाता है कि जबसे गाज़ा में इज़रायल के साथ संघर्ष बढ़ा है पूरा आस्ट्रेलिया बहुत बड़े इस्लामफोबिया की चपेट में आ गया है। हालांकि कुछ लोग यह कहते हैं कि जब से फातिमा पेमैन संसद सदस्य चुनी गई हैं तब से राजनैतिक रूप से इस्लाम के प्रति नफरत फेलाने का काम शुरू हुआ और फिर यह नीचे तक पहंुच गया। फातिमा आस्ट्रेलिया की पहली ऐसी सांसद हैं जो संसद में भी स्कार्फ या हिजाब पहन कर जाती हैं।

कहा जाता है कि यही राजनीतिक नफरत नीचे तक पहंुच गई और पूरे देश में कईं जगहों से मुस्लिम महिलाओं के प्रति हिंसा की खबरें भी आईं।आस्ट्रेलिया के कट्टरपंथी दल वन नेशन पार्टी ने तो काफी समय से इसे लेकर बाकायदा अभियान ही चलाया हुआ है। यह पार्टी बाहरी लोगों के आस्ट्रेलिया में प्रवेश को पूरी तरह रोकना चाहती है। दिक्कत यह है कि पिछले कुछ समय में इस पार्टी को मिलने वाला समर्थन भी काफी बढ़ा है। कट्टरपंथ के बढ़ते राजनीतिक दबाव को इससे भी समझा जा सकता है।

क्वीसंलैंड से चुनी गई इस पार्टी की सांसद पाओलिन हैनसन इसे लेकर काफी सक्रिय हैं। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को परंपरागत परिधानों पर पूरी तरह पाबंदी लगाने का एक विधेयक भी संसद में पेश किया था। अपनी बात पर जोर देने के लिए वे एक दिन संसद में बुरका पहन कर पहंुच गईं और काफी हंगामा किया।

मीडिया में उनकी एक तस्वीर काफी वायरल हुई जिसमें वे बुरका पहने हुए फातिमा पेमैन के आगे खड़ी हैं और फातिमा हैरान-परेशान यह सब देख रही हैं। हैनसन की इस हरकत की संसद में काफी निंदा भी हुई और उन्हें एक हफ्ते के लिए संसद से निलंबित भी कर दिया गया।

यह घटना पिछले महीने की है। यह हरकत उसी संसद में हुई जहां सितंबर में एक रिपोर्ट पेश कर के सरकार ने यह बताया था कि आस्ट्रेलिया में इस्लामफोबिया किस तरह से लगातार बढ़ रहा है। इससे लगा था कि सरकार इसे मसले पर संवेदनशील है। लेकिन अब जब बच्चियों के स्कार्फ पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है तो लगता है कि वहां की राजनीति इन दबावों के आगे झुकने भी लग गई है।

आस्ट्रेलिया हमेशा से ऐसा नहीं था। अगर आप आस्ट्रेलियन ब्राडकास्टिंग कार्पोरेशन की वेबसाइट को देखें तो वहां आपको मुस्लिम हैडस्कार्फ पर एक पूरा पेज मिलेगा। इसमें यह बताया गया है कि मुस्लिम महिलाओं के सिर ढकने का रिवाज क्या है। हिजाब, दुपट्टा, बुरका वगैरह यह कितनी तरह से किया जाता है। इसमें बताया गया है कि कैसे यह सब मुस्लिम समाज की विनम्रता और तहजीब का एक हिस्सा है।

लेकिन लगता है कि आस्ट्रेलिया अब उस दौर से बहुत दूर आ चुका है। अब यह अपनी विभिन्नता पर गर्व करने वाला देश नहीं रहा। पूरी दुनिया ही जब उलटी दिशा में चल पड़ी हो हम आस्ट्रेलिया से भी क्या उम्मीद करें।

  (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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