20 को बिस्मिल्लाह, मैत्रेई पुष्पा, आलोक पुराणिक सहित कई वरिष्ठ लेखक जुटेंगे एक मंच पर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 19-05-2023
20 को बिस्मिल्लाह, मैत्रेई पुष्पा, आलोक पुराणिक सहित कई वरिष्ठ लेखक जुटेंगे एक मंच पर
20 को बिस्मिल्लाह, मैत्रेई पुष्पा, आलोक पुराणिक सहित कई वरिष्ठ लेखक जुटेंगे एक मंच पर

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 

महानगर में पहला लिटरेरी फेस्टिवल कथा रंग द्वारा रविवार को कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज, मोहन नगर में आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम के मुख्य संयोजक ललित जायसवाल एवं आयोजक आलोक यात्री ने एक संयुक्त बयान में बताया कि कार्यक्रम पांच सत्रों में आयोजित किया जा रहा है.

प्रथम सत्र में ‘कहानी का वर्तमान’ विषय पर विमर्श में वरिष्ठ लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह के अलावा वरिष्ठ लेखक प्रियदर्शन, आलोचक व लेखक हरियश राय के अलावा चर्चित रचनाकार रेनु हुसैन भाग ले रही हैं. दूसरा सत्र लेखक से मिलिए है. जिसमें मशहूर व्यंग्यकार आलोक पुराणिक व अभिनेता मनु कौशल की रोचक प्रस्तुति होगी. इसके अलावा मशहूर रंगकर्मी जे. पी. सिंह की नाट्य प्रस्तुति ‘छोड़ो कल की बातें’ भी आयोजन का हिस्सा हैं.

वरिष्ठ साहित्यकार सुभाष चंदर ने बताया कि गाजियाबाद में आयोजित प्रथम लिटरेरी फेस्टिवल में शामिल होने वाले अन्य चर्चित साहित्यिकारों में मैत्रेई पुष्पा, राहुल देव, सूर्यनाथ सिंह, पंकज शर्मा, पंकज प्रसून, यतेंद्र यादव, महेश मीणा, आनंद सुमन सिंह, अशोक मैत्रेय आदि शामिल हैं.

कथा रंग के अध्यक्ष शिवराज सिंह के अनुसार शोभनाथ शुक्ल की कहानी ‘शनिचरी, सायरा बानो और सुजातो क्रिस्टी’ को 11 हजार रुपये की राशि सहित “कथा रंग शिखर सम्मान” प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वंदना जोशी की ‘नगर ढिंढोरा’ और आशा पांडे की ‘हारा हुआ राजा’ को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 51-51सौ रुपये की राशि अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’ की ‘संशय की एक रात’, सिनीवाली की ‘रहो कंत होशियार’, रजनी शर्मा बस्तरिया की ‘छतरी वाले अक्षर’, देवांशु पाल की ‘लोक बाबू जिंदा हैं’ व निधि अग्रवाल की कहानी ‘शोक पर्व’ को तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21-21 सौ रुपये प्रदान किए जाएंगे.

इसके अलावा 15 कहानियों का चयन ‘सर्जना पुरस्कार’ के लिए किया गया है. जिसमें आशीष दशोत्तर की ‘चे, पो और टिहिया’, निर्देश निधि की ‘मैं ही आई हूं बाबा’, अजय गोयल की ‘गिनी पिग’, रुख्शंदा रूही मेहंदी की ‘तेरी खामोशी है अभी’, संध्या यादव की ‘प्रारब्ध’, महावीर उत्तरांचली की ‘मां’, अंजू शर्मा की ‘उसके हिस्से का आसमान’, संजय सिसोदिया की ‘दादी मां और ड्राई फ्रूट्स’, उर्मिला शुक्ला की ‘साल वनों के साए’, चंद्रकांता की ‘जनाना’, सुभाष अखिल की ‘माफीनामा’, अमिता दुबे की ‘शिला’, नीलम राकेश की ‘ग्रहण’, मलय जैन की ‘शालिग्राम की नत बहू’ और रिंकल शर्मा की ‘पीछे मुड़ना’ कहानियां कहानी शामिल हैं. कार्यक्रम में कई वरिष्ठ साहित्यकारों की पुस्तकों का लोकार्पण के साथ ही कई रचनाकारों को ‘कथा रंग सारथी सम्मान’ भी प्रदान किया जाएगा.