गीतांजलि श्री को इंटरनेशनल बुकर मिलने से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में खुशी की लहर

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-05-2022
गीतांजलि श्री को बुकर से एएमयू में खुशी
गीतांजलि श्री को बुकर से एएमयू में खुशी

 

आवाज- द वॉयस/ अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) समुदाय ने प्रसिद्ध हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्रदान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है.

कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि प्रसिद्ध हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री के रचनात्मक कौशल ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की है क्योंकि वह अपने उपन्यास "रेत समाधि" के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय हैं.

अपने बधाई संदेश में प्रो. मंसूर ने कहा कि किसी गैर-यूरोपीय भाषा के उपन्यास के लिए सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करना एक दुर्लभ उपलब्धि है और यह भारतीय दिमाग और रचनात्मकता की अंतरराष्ट्रीय मान्यता थी.

कला संकाय के डीन प्रो. इम्तियाज हसनैन ने कहा कि एएमयू के छात्र और संकाय बहुत खुश हैं कि विभाजन के संकट और इसके अमिट प्रभावों की इस आकर्षक कहानी को यह पुरस्कार दिया गया है. 2019 में साथिया अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर शफी कदवई ने कहा कि इससे पहले यूआर अनंत मूर्ति और इंतेजार हुसैन के उपन्यासों को शॉर्टलिस्ट किया गया था लेकिन हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका गीतांजलि श्री इस पुरस्कार को पाकर दूसरों के लिए एक मिसाल बन गई हैं.

प्रोफेसर आशिक अली (अध्यक्ष, हिंदी विभाग) ने तहेदिल से बधाई दी और कहा कि अब पश्चिम भारत को न केवल अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखकों की नजर से बल्कि हिंदी की समृद्ध साहित्यिक परंपरा के माध्यम से भी देखने लगा है. यह एक स्वागतयोग्य प्रगति है.

प्रो. असीम सिद्दीकी (अध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग) ने कहा कि गीतांजलि श्री का लेखन एक 80 वर्षीय महिला के मुख्य चरित्र की कहानी के माध्यम से जीवन के सभी पहलुओं को दर्शाता है. यह अविश्वसनीय लगता है कि उनके उपन्यास को 2018 के नोबेल पुरस्कार विजेता पोलिश लेखक ओल्गा टोकारकोव्स्की पर वरीयता दी गई थी.

प्रोफेसर अजरा मौसवी (निदेशक, महिला अध्ययन केंद्र) ने कहा कि हिंदी में महिला लेखन की परंपरा बहुत पुरानी है और गीतांजलि श्री ने विभाजन की दुखद और दुखद घटनाओं को चित्रित करके अतीत को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है. हिंदी समीक्षक अजय बसरिया (हिंदी विभाग) ने कहा: "गीतांजलि श्री एक प्रसिद्ध लेखक हैं, जिन्होंने चार उपन्यासों और लघु कथाओं के चार संग्रह प्रकाशित किए हैं. उनका पुरस्कार विजेता उपन्यास एक विषय के जटिल पहलुओं को शामिल करता है जिस पर पहले ही बहुत कुछ लिखा जा चुका है. यह एक बंटे हुए परिवार की कहानी है.