आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
सर्दियों में तो अधिकतर लोग मोज़े पहनते हैं, लेकिन गर्मियों में स्टाइल या आराम के नाम पर कई लोग बिना मोज़े के जूते पहन लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपकी त्वचा और सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, बिना मोज़े के जूते पहनने से कई प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याएं और संक्रमण हो सकते हैं। आइए जानें, यह आदत कैसे आपके पैरों को नुकसान पहुँचा सकती है:
बिना मोजे के जूते पहनने से पैर अधिक पसीना छोड़ते हैं। यह पसीना जूते के भीतर नमी और गर्मी का माहौल बनाता है, जो फंगल इन्फेक्शन के लिए आदर्श होता है। इससे आपको एथलीट फुट, खुजली और त्वचा फटने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि उनके पैरों के घाव जल्दी ठीक नहीं होते और संक्रमण बढ़ सकता है।
पैरों में मौजूद पसीने की ग्रंथियाँ हर दिन पसीना छोड़ती हैं। मोज़े इस पसीने को सोख लेते हैं, जिससे पैर सूखे रहते हैं। लेकिन बिना मोजे के जूते पहनने से जूतों में बैक्टीरिया और फंगस पनपते हैं, जिससे तेज बदबू आने लगती है।
नए जूते पहनने पर मोजे न पहनने से पैरों में छाले पड़ सकते हैं। मोज़े घर्षण को कम करके पैरों को बचाते हैं। विशेष रूप से लंबी दूरी तय करते समय मोज़े पहनना ज़रूरी है।
पसीना और पैरों का तेल सीधे जूतों के अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुँचाते हैं। इससे जूते जल्दी घिस जाते हैं, इनसोल खराब हो जाते हैं और बदबू भी अधिक आती है।
मोज़े पैरों को कुशनिंग और सुरक्षा प्रदान करते हैं। बिना मोजे के चलते समय घर्षण और दबाव से दर्द या असहजता महसूस हो सकती है।
बिना मोजे के पैरों की त्वचा धूल, गंदगी और एलर्जन के सीधे संपर्क में आ जाती है। इससे एलर्जी, खुजली और अन्य त्वचा संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है।
हमेशा साफ और सूती मोज़े पहनें, चाहे मौसम कोई भी हो।
अगर पसीना ज्यादा आता है, तो एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।
जूते और मोजे दोनों की नियमित सफाई रखें।
अगर संक्रमण के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से सलाह लें।
नतीजा: फैशन और स्टाइल के साथ हेल्थ से समझौता न करें। मोज़े पहनने की आदत आपके पैरों की सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती है।