हम तालिबानी तहजीब को को भारत नहीं आने देंगेः अजमेर दरगाह प्रमुख

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 1 Years ago
सैयद जैनुल आबेदीन चिश्ती
सैयद जैनुल आबेदीन चिश्ती

 

आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली

मंगलवार दोपहर उदयपुर में कन्हैया लाल के ‘सिरकलम’ वारदात पर देशव्यापी आक्रोश में शामिल होते हुए, अजमेर में अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जादनशीं (वंशज) सैयद जैनुल आबेदीन चिश्ती ने घोषणा की, ‘‘किसी भी कीमत पर, हम भारत में तालिबानी संस्कृति की अनुमति नहीं देंगे, भले ही इसके लिए हमें अपने प्राण न्यौछावर करने पड़ें.’’

वे दो मुस्लिम युवकों द्वारा उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल का सिर काटने की घटना के संदर्भ में बोल रहे थे. ये युवक इस टेलर की दुकान पर कपड़े का नाम देने के बहाने पहुंचे और गड़ासेनुमा तेजधार हथियार से कन्हैया लाल का सिर काट दिया.  इसके बाद पूरे देश में इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई है. राजस्थान में 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पूरे राजस्थान में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.

उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘मैं उदयपुर में हुई बर्बर घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.’’

सैयद जैनुल आबेदीन, सूफियों के चिश्ती संप्रदाय के संस्थापक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज हैं.

उन्होंने सभी भारतीयों से इस महत्वपूर्ण मोड़ पर देश की शांति और एकता बनाए रखने की जोरदार अपील की. उन्होंने कहा कि इस तरह की बर्बरता न केवल इस्लाम और धर्म को बदनाम करने के लिए है, बल्कि इसका उद्देश्य भारत में वातावरण को खराब करना और बेगुनाहों की हत्या करना भी है.

उन्होंने कहा कि हत्यारों की कार्रवाई पवित्र कुरान की शिक्षाओं या इस्लाम के सिद्धांतों पर आधारित नहीं है. ‘‘इसके अलावा, पैगंबर, जिनके नाम का हत्यारों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है, ने अपने नाम पर किसी भी प्रतिशोध की अनुमति नहीं दी है.’’

उन्होंने अपनी बात रखने के लिए पैगंबर मोहम्मद के जीवन की एक घटना का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि पैगंबर हर दिन एक खास रास्ते को पार करते थे और एक महिला उस पर कचरा फेंकती थी. उन्होंने इस पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी. एक दिन महिला ने कचरा नहीं फेंका और पैगंबर को उसकी चिंता होने लगी. उन्होंने उसका हालचाल पूछा, तो बताया गया कि वह बीमार हो गई है.

उन्होंने कहा, ‘‘पैगंबर ने न केवल उसकी माफी स्वीकार की, बल्कि उसकी देखभाल भी की.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब यह सब किया गया है (पैगंबर के लिए इस्तेमाल किए गए अनुचित शब्दों के लिए खेद है), मुझे आश्चर्य है कि ये बर्बर लोग इस तरह के उपद्रव से इस्लाम और खुद के बारे में क्या साबित करना चाहते हैं.ष्

उन्होंने कहा कि राजस्थान हमेशा से शांति और सौहार्द का देश रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान वह भूमि है, जहां मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, जिसका संदेश सार्वभौमिक प्रेम और शांति का है और पुष्कर में ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर मौजूद है, समन्वय की भूमि है, जहां से दुनिया के लिए शांति का संदेश निकलता है.’’

उन्होंने अधिकारियों से कन्हैया लाल के दोनों हत्यारों के खिलाफ आईपीसी और सीआरपीसी की सभी संबंधित दंड धाराओं को लागू करने और जल्द से जल्द उन पर मुकदमा चलाने को कहा.