आगरा में शेख सलीम चिश्ती का उर्स मुबारक शुरू

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 06-05-2021
शेख सलीम चिश्ती की दरगाह
शेख सलीम चिश्ती की दरगाह

 

आगरा. फतेहपुर सुकरी में हजरत शेख सलीम चिश्ती का सालाना उर्स मुबारक गुस्ल की रस्म के साथ शुरू हो गया है. गुसल की इस रस्म को सज्जादा नशीन पिजादा रईस मियां चिश्ती ने निभाया था. इस मौके पर यह दुआ की गई कि हजरत सलीम चिश्ती का उर्स शुरू हो. पिछले वर्षों में रमजान के बीसवें दिन.

यह उर्स ईद के दूसरे दिन तक रहता है. ईद के दूसरे दिन, यहां एक बड़ा मेला लगता है, लेकिन पिछले साल से कोरोना महामारी के कारण उर्स बहुत ही सरलता से मनाया गया. सभी रस्में सज्जादा ने निभाईं. मगर श्रद्धालुओं को भाग लेने की अनुमति नहीं थी. सज्जादा नशीन साहिब के अनुरोध पर, भक्तों ने अपने घरों पर इबादत व्यवस्था की.

उर्स के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए, दिवंगत सैफ मियां चिश्ती ने कहा कि हजरत शेख सलीम चिश्ती का उर्स 3 मई को शुरू हुआ था, जो 12 मई को गुसल की रस्म के साथ शुरू हुआ और 12 मई को कुल की रस्म अदा की जाएगी. उर्स हर साल धूमधाम और समारोह के साथ मनाया जाता रहा है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण, केवल अनुष्ठान किया जाएगा, उर्स में त्योहार नहीं होगा, भक्तों को दरगाह परिसर में आने की अनुमति नहीं है.

सैफ मियां ने कहा कि हजरत शेख सलीम चिश्ती मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल के दौरान फतेहपुर सीकरी गए थे. राजा के कोई संतान नहीं थी. किसी ने कहा कि जाओ और हजरत शेख सलीम चिश्ती से बच्चों के लिए दुआ मांगो.

अकबर ने हजरत के पास आकर दुआएँ मांगीं. आपकी प्रार्थनाओं के कारण, अकबर के एक बेटे का जन्म हुआ, जिसे अकबर ने सलीम नाम दिया, जो बाद में हजरत के नाम पर अगला बादशाह बना.