आज़म शिहाब
रमज़ान की अवधारणा उपवासों और प्रार्थनाओं के पालन और महिमा और स्मरण की प्रचुरता पर आधारित है, लेकिन यह ईद और उसकी तैयारियों के बारे में भी है, जो इस पवित्र महीने की महिमा और खुशी को दोगुना कर देती है.अरोस-उल-बलाद मुंबई में रमज़ान के पहले रोज़े से ही ईद की तैयारियों की झलक दिखाई देने लगी है, जिससे इस मुबारक महीने की रौनक और बढ़ गई है.
मुंबई में कुछ जगहें ऐसी हैं जिनके बिना रमजान और ईद की कल्पना ही नहीं की जा सकती.उदाहरण के लिए, दक्षिण मुंबई के प्रसिद्ध क्षेत्र मुहम्मद अली रोड, भंडी बाजार और पैधोनी, नागपारा और मदनपुरा आदि .
इन इलाकों में यह कहना गलत नहीं होगा कि रमजान आने से पहले ही ईद की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. चूँकि पैधोनी में एक बड़ा कपड़ा बाज़ार, हाजरा महल्ला भी है, जो महिलाओं और बच्चों के परिधानों के लिए प्रसिद्ध है. यह मुंबई के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में लोगों को यहाँ खरीदारी करने के लिए आकर्षित करता है.
इन इलाकों में न सिर्फ ईद की खरीदारी बल्कि रोजा खोलने के लिए भी खास इंतजाम किए जाते हैं. यहां जितने भी होटल हैं, वे सभी रोजेदारों के लिए अपनी मेजें सजाते हैं.इसके अलावा खाने के शौकीनों के लिए भी यहां अच्छी व्यवस्था है.
मीनारा मस्जिद और सुलेमान उस्मान मिठाई वाले से लेकर मुहम्मद अली रोड पर खरक तक कई होटल हैं,जहां ताजा व्यंजन लोगों का इंतजार करते हैं.इसी गली में खाने-पीने की कई दुकानें भी हैं जिनके व्यंजन 'स्ट्रीट फूड' की श्रेणी में माने जा सकते हैं, लेकिन यहां भीड़ देखने लायक होती है.
यही हाल मुंबई के बांद्रा, खार, सांताक्रूज आदि उपनगरों का भी है.बांद्रा और सांताक्रूज़ महिलाओं और बच्चों के रेडीमेड कपड़ों और अन्य वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध हैं.बांद्रा में हिल रोड और लिंकन रोड इसके लिए बहुत लोकप्रिय हैं.
रमज़ान के आगमन से पहले ही यहां दुकानें पूरी तरह से सज गई हैं, जो आधे रमज़ान के बाद पूरी रात खुली रहेंगी.रमजान के पहले दिन इन इलाकों का जायजा लेने पर यह कहे बिना नहीं रहा जा सकता कि यहां रोजे के पहले दिन से ही ईद की तैयारियां शुरू हो गई हैं.