ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
श्रीनगर के करन नगर के अपने पुश्तैनी घर में अपनी मां से अनुपूर्णा कौल ने कुकिंग सीखी और अब वो अपनी इस पाक कला को गुरुग्राम से लेकर दिल्ली, एनसीआर के अलग-अलग कोनों में परोस रहीं हैं. अनुपूर्णा कौल अपने नाम को सार्थक बनाते हुए समाज के हर वर्ग को कश्मीरी अन्न से प्यार करवा रहीं हैं. कश्मीरी पंडित अनुपूर्णा कौल एक होम शेफ हैं. उनका पालन-पोषण कश्मीर में हुआ और आज वो Shakti's Kitchen की मालकिन हैं. अनुपूर्णा कौल की मां का नाम शक्ति था जिसके नाम पर ही उन्होनें अपने व्यवसाय को नाम दिया Shakti's Kitchen. अनुपूर्णा कौल का कहना है कि कश्मीरी खाना पकाना उनके लिए एक स्ट्रेस बस्तर के तोर पर भी काम करता है.
अनुपूर्णा कौल लगभग 7 से 8 वर्षों से Shakti's Kitchen चला रहीं हैं. मटन रोगनजोश, मत्स, कबरगा, मुझ चातीन (मूली की चटनी), दम आलू, केहवा (हरी चाय), तषमान (पनीर), नादुरमोन्ज (कमल ककड़ी), कबाब, आदि उनके कुछ खास कश्मीरी व्यंजनों में से एक हैं.
अनुपूर्णा कौल ने आवाज द वॉयस को बताया कि वे अक्सर कश्मीरी व्यंजनों को नए रूप में लोगों को पेश करनी की कोशिश करती है और कश्मीरी खाना पकाते वक़्त ही उन्होनें अपनी एक अनूठी डिश इजात की जिसका नाम भी खुद ही रखा 'नदरुकबाब' जोकि कमलककड़ी और बाकी मसालों से बनता है और इस डिश में उनका खास इंग्रेडिएंट है अखरोट, जिसका खास इस्तेमाल इस व्यंजन को पकाते वक़्त अनुपूर्णा कौल करतीं हैं और एक क्रिस्प स्वादिष्ट डिश परोसती हैं.
कश्मीरी भोजन (cuisine) पकाते वक्त प्याज, टमाटर, लहसन का इस्तेमाल बिलकुल नहीं होता है, दही, हींग और मसलों का ही खेल है. कश्मीरी दम आलू , कश्मीरी पनीर, और कश्मीर में कमल ककड़ी का बहुत खाई जाती है. नॉन वेज में मटन, रोगन जोश, मटन यखनी, कश्मीरी साग, मटन कीमा आदि शामिल है.
कश्मीरी पंडित फ़ूड और कश्मीरी वाजवान में अंतर
कश्मीरी पंडित और कश्मीरी मुस्लिम भोजन के बीच एक बड़ा अंतर प्याज और लहसुन का उपयोग है. अनुपूर्णा ने बताया कि कश्मीरी फ़ूड में अदरक, लहसन, प्याज, टमाटर नहीं होता हम उसे सात्विक तोर पर तैयार करते हैं जो भोग भी लगाया जाता है वहीँ कश्मीरी वाजवान में लहसन, प्याज, टमाटर का इस्तेमाल होता है इसके बिना खाना पकाया जाता ही नहीं है.
मुस्लिम व्यंजनों में पंडितों के व्यंजनों की तुलना में मसालों का कम इस्तेमाल किया जाता है. कॉक्सकॉम्ब फूल , जिसे कश्मीरी में "मावल" कहा जाता है , को लाल खाद्य रंग तैयार करने के लिए उबाला जाता है, जैसा कि कुछ व्यंजनों में उपयोग किया जाता है. पंडित मसाले के रूप में हल्के तीखे कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर का उपयोग करते हैं, साथ ही रोगन जोश जैसे कुछ व्यंजनों को रंग देने के लिए रतनजोत यानी अल्कनेट जड़ का भी उपयोग करते हैं। मुसलमान मध्यम मात्रा में मिर्च का उपयोग करते हैं, और बड़े भोजन में गर्म व्यंजनों से बचते हैं.
कश्मीरी व्यंजन दो अलग-अलग प्रकार के होते हैं - वाज़वान मुसलमानों का भोजन है, और पंडितों का अपना पारंपरिक बट्टा है. कश्मीर में मांस को पंडितों द्वारा नेनी और मुसलमानों द्वारा माज़ कहा जाता है. अधिकांश कश्मीरी पंडित और मुस्लिम खाना पकाने में, रोटी भोजन का हिस्सा नहीं है; दोपहर के भोजन या रात के खाने में हमेशा चावल होता है. ब्रेड केवल सुबह या शाम को चाय के साथ खाई जाती है.
दुनिया के नामी शेफ्स के आगे अनुपूर्णा कौल कश्मीरी खाना पका चुकी हैं. जहां उनके खाने को काफी सराहा गया उसके स्वाद की तारीफ की गई. अनुपूर्णा हाल ही में मास्टरशेफ में भी भागीदार रही यहां उनका मटन कीमा लोगों ने पसंद किया. ऐसे ही काफी कुकिंग कॉम्पिटिशंस में अनुपूर्णा कौल भाग ले चुकीं हैं. जिसमें वो कश्मीरी व्यंजन पकाकर शेफ्स और सबका मन जीत लेतीं हैं.
Anupurna Kaul with Master Chef Vikas Khanna
बड़े, बुजुर्गों के साथ-साथ खासकर नौजवान कश्मीरी खाने को पसंद कर रहें हैं जिसमें कश्मीरी ब्रेड्स आदि शामिल हैं. साथ ही उनका मानना है कि कश्मीरी खाने को काटें से नहीं बल्कि अपनी पांचों उंगलियों से ही खाना चाहिए जिससे आप पूर्ण संतुष्ट होंगें और आपका पेट पूरा भरेगा बशर्ते आपके हाथ साफ़ होने चाहिए.
अनुपूर्णा कौल गुरुग्राम के नामी होटल लीला में भी शेफ के तोर पर कश्मीरी व्यंजन परोस चुकी हैं जिसकी काफी तारीफ की गई थी और सबको उनका पकाया हुआ खाना काफी पसंद आया था. इला भार्गव द्वारा किचन ऑफ फ्लेवर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी अनुपूर्णा कौल भाग ले चुकी हैं. सेंट होटल ललित, वाइब्स फरीदाबाद में शेफ्स ऑफ दिल्ली के नाम से ऑफ लाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. जिसमें उनकी कुकिंग का खास प्रदर्शन रहा.
अनुपूर्णा कौल पहले टेक्सटाइल गारमेंट व्यापार में थीं इसके बाद ऑर्किड्स (Orkids Foundation) में उन्होनें स्पेशल बच्चों को पढ़ाना भी शुरू किया जोकि एक खास तरह की पढ़ाई होती है, उन बच्चों के लिए जो दिमागी तोर पर थोड़े कमजोर होते कमजोर होते हैं.
अनुपूर्णा कौल अपनी मां का धन्यवाद करतीं हैं जिन्होनें उन्हें यह खाना पकने की कला नवाज़ी और अब अनुपूर्णा कौल अपने नपे तुले अंदाज़ में मसालों के साथ कश्मीरी फ़ूड तैयार करतीं हैं.
Anupurna Kaul with Chef Dr. Saurabh Sharma
कश्मीरी पंडित भोजन में कई व्यंजन होते हैं. इसमें अधिकतर व्यंजन नॉन-वेज हैं और कुछ वेज हैं. दही की ग्रेवी में पकाए हुए आलू), दम आलू, मूली और अखरोट की चटनी और फिरनी है. जबकि मछली और अब चिकन का उपयोग नॉनवेज व्यंजन बनाने में किया जाता है. इनमें शामिल हैं 'मटन यखनी (दही आधारित ग्रेवी में मटन) एक और मछली का व्यंजन है मुज, गाड़ नादिर (मूली, कमल का तना रोहू मछली के साथ पकाया जाता है). केसर का उपयोग मिठाइयों, विशेषकर खीर और फिरनी में रंग और खुशबू जोड़ने के लिए भी किया जाता है.
एक और स्वादिष्ट व्यंजन है शुफ्ता, जो सूखे मेवों से बनी एक मीठी चीज़ है. मैं स्वाद को संतुलित करने के लिए उबले हुए दही के साथ शुफ्ता परोसती हूँ.
आवाज़ द वॉयस को अनुपूर्णा ने बताया कि वाज़वान को कश्मीर में काफी पसंद किया जाता है. इसे कश्मीरी फूड फेस्टिवल और रीयूनियन्स के साथ-साथ इंटरनेशनल लेवल पर पेश किया जाता है.