नई दिल्ली
आज के दौर में मोबाइल फोन, व्हाट्सएप और सोशल मीडिया हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन जहां ये तकनीकें हमारी ज़िंदगी को आसान बनाती हैं, वहीं कभी-कभी ये रिश्तों में गलतफहमियां और तनाव भी पैदा कर देती हैं।
अगर कभी आपकी पत्नी ने आपके फ़ोन में कोई चैट या मैसेज देख लिया और उसे गलत समझ लिया, तो क्या होगा? ज़्यादातर लोग ऐसी स्थिति में घबरा जाते हैं, झल्ला जाते हैं या सफाई देने के चक्कर में बहस कर बैठते हैं। लेकिन ऐसी प्रतिक्रियाएं रिश्ते को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकती हैं।
इसलिए ज़रूरी है कि आप ऐसी परिस्थितियों को समझदारी, प्यार और संयम से संभालें। नीचे दिए गए कुछ आसान लेकिन असरदार सुझाव आपकी मदद कर सकते हैं:
जब आपकी पत्नी गुस्से या शक में हो, तो खुद भी गुस्से में प्रतिक्रिया देने से बचें। उस वक्त बहस करने की बजाय, उसे समझने की कोशिश करें और उसे थोड़ा समय दें ताकि वह खुद भी शांत हो सके। संयम और धैर्य से आप परिस्थिति को आसानी से संभाल सकते हैं।
अगर कोई मैसेज या चैट उसे परेशान करता है, तो उसे साफ-साफ सच बता दें। झूठ बोलना या गोलमोल जवाब देना विश्वास को और कमजोर करता है। बेहतर है कि आप सच्चाई से बात करें और हर चीज़ स्पष्ट कर दें।
अपना फ़ोन, पासवर्ड या सोशल मीडिया छुपाने की ज़रूरत नहीं है। अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्ते में विश्वास बना रहे, तो पारदर्शी रहना ज़रूरी है। जब आपकी पत्नी को लगेगा कि आप कुछ नहीं छिपा रहे, तो शक की गुंजाइश भी कम होगी।
अक्सर हम अपनी सफाई देने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि सामने वाले की भावनाओं को सुन ही नहीं पाते। सुनना भी एक कला है। उसकी बात ध्यान से सुनें कि उसे बुरा क्यों लगा। जब वह महसूस करेगी कि आप उसकी भावना को समझते हैं, तो उसका गुस्सा अपने आप कम हो जाएगा।
एक बार अगर शक की दीवार खड़ी हो जाए, तो उसे गिराने में वक्त लगता है। लेकिन कोशिश करें कि आप साथ में अच्छा समय बिताएँ, कुछ छोटे-छोटे सरप्राइज़ दें, उसका ख्याल रखें। ये सब मिलकर रिश्ते को दोबारा मजबूत बना सकते हैं।
हर रिश्ते में थोड़ी निजता भी जरूरी होती है। आपस में बैठकर यह तय करें कि किन बातों को एक-दूसरे के साथ साझा करना है और कहां एक-दूसरे की व्यक्तिगत सीमा तय करनी है। जब ये बातें पहले से साफ होंगी, तो भविष्य में गलतफहमियों की गुंजाइश नहीं रहेगी।
अगर हालात बहुत बिगड़ चुके हों, बातचीत बंद हो गई हो या कोई रास्ता न सूझ रहा हो, तो रिलेशनशिप काउंसलर की मदद लेने से न हिचकें। एक तीसरे, अनुभवी व्यक्ति की सलाह कई बार वो हल निकाल सकती है जो आप दोनों नहीं सोच पाते।
रिश्ते शक से नहीं, भरोसे से चलते हैं। अगर आप सही तरीके से संवाद करें, धैर्य रखें और एक-दूसरे की भावनाओं को समझें, तो हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।