मृत्यु के छह साल बाद भी कैसे चल रही है कलाम की ऑफिशियल वेबसाइट

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 26-07-2021
मृत्यु के छह साल बाद भी कैसे चल रही है कलाम की ऑफिशियल वेबसाइट
मृत्यु के छह साल बाद भी कैसे चल रही है कलाम की ऑफिशियल वेबसाइट

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

यह जानकारी आपको चौंका सकती है. आज मिसाइल मैन से चर्चित एपीजे अब्दुल कलाम के गुजरे हुए पूरे छह वर्ष हो गए. बावजूद इसके उनकी ऑफिशियल वेबसाइट  पहले की तरह ही चल रही है. यही नहीं उनकी इस वेबसाइट को केवल इसलिए जिंदा रखा गया कि यदि उनकी यादें धुंधलाने लगे या उससे संबंधित मालूमात लेनी हो तो साइट पर जाकर आसानी से ली जा सके.

वेबसाइट के लिंक पर क्लिक करते ही कलाम साहब से संबंधित ज्ञान का पूरा भंडार सामने आ जाता है.वेबसाइट की देखभाल का जिम्मा उनके अंतिम दिनों के सलाहकार वी पॉनराज संभाल रहे हैं.   इसपर क्लिक करने पर आपको एक शानदार इंसान और सच्चे देशभक्त की झलक मिलेगी.

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वेबसाइट के हेडर पर कलाम साहब का चर्चित कथन दर्ज है-‘‘क्रीएटिविटी लीड्स टू थिंकिंग, थिंकिंग प्रोवाइड नॉलेज, नॉलेज मेक यू ग्रेट.’’ कलाम की आधिकारिक वेबसाइट का ‘एबाउट’ पेज खोलने पर ‘मदर’ शीर्षक से उनका अपनी मां के बारे में एक लेख पढ़ने को मिल जाएगा.

उन्होंने अपने जीवन में कितनी किताबें लिखी, उनके क्या नाम है, पुस्तक परिचय आदि, वेबसाइट पर मौजूद है. उन्होंने कुल 34 किताबें लिखी हैं. वेबसाइट पर फोटो गैलरी भी है. कलाम साहब से संबंधित तमाम तस्वीरें नेता, बच्चे, छात्र व व्यक्तिगत अलग-अलग वर्गों में सहेज कर रखी गई हैं.

उनके चुनिंदा भाषण और वक्तव्य पर वेबसाइट पर पढ़ने को मिल जाएंगे. कलाम साहब की एक विशेषता थी. वह जिस कार्यक्रम में शरीक होते थे वहां मौजूद लोगों से राष्ट्र व चरित्र निर्माण तथा देश भक्ति की कस्में अवश्य लेते थे.

छात्रों, शिक्षकों, सैनिकों, डॉक्टर्स, प्रशासनिक अधिकारियों, प्रोफेशनल लीडर्स को विभिन्न कार्यक्रम में उनके द्वारा दिलाई गई ‘ओथ’ का संग्रह भी वेबसाइट पर पहले की तरह मौजूद है.इसके अलावा उनके तमाम चर्चित कोट्स यानी उद्धरण भी यहां पढे़ जा सकते हैं. ‘कोट्स’ खोलते ही पहला उद्धरण दिखेगा-‘‘टू सक्सीड इन लाइफ एंड एक्टिव रिजल्ट, यू मस्ट अंडरस्टैंड एंड मास्टर थ्री माइटी फोर्स-डिजायर, बिलिफ एंड एक्सपेक्टेशन.’’

चूंकि एपीजी अब्दुल कलाम को हिंदी नहीं आती थी. इसलिए उनकी वेबसाइट की अधिकांश सामग्री अंग्रेजी में है. उनके बारे में समग्र जानकारी लेने में वैसे व्यक्ति को थोड़ी दिक्त आ सकती है जिनकी अंग्रेजी कमजोर है. उनके अनुयायी सभी तबके के लोग थे, इसलिए ऐसा कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं कि वेबसाइट में दूसरी भाषाओं के जानकारों का भी कलाम साहब को ख्याल रखना चाहिए था.

फोन पर वेबसाइट के संबंध में वी पनराज जी के सहयोगी से बात करने पर उन्होंने इस बारें में कई जानकारियां दीं. साथ ही यह भी बताया कि पॉनराज आम लोगों से अधिक घुलते-मिलते नहीं, ऐसे में उनसे आवाज द वाॅयस की सीधी बातचीत नहीं हो सकी.