रोज़ेदारों को हिंदुओं ने परोसी इफ्तारी

Story by  फरहान इसराइली | Published by  [email protected] | Date 02-04-2024
Hindus served Iftari to fasting people
Hindus served Iftari to fasting people

 

फरहान इसराइली/ जयपुर

राजधानी जयपुर में रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम की धूम है.घर-घर में रोज़ा इफ़्तार कार्यक्रमों के अलावा मस्जिदों, ख़ानक़ाहों और दरगाहों में भी अकीदतमंदों की ओर से रोज़ा इफ़्तार कार्यक्रम में रोजे खुलवाएं जा रहे हैं.शहर के जालुपूरा, हसनपुरा, ईदगाह, टोंक फाटक,रामगंज बाजार, सुभाष चौक, एमडी रोड, आदर्श नगर, शास्त्रीनगर और चार दरवाजा सहित कई इलाकों में रोज़ा इफ़्तार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

हिन्दू मुस्लिम एकता की प्रतीक है हज़रत गट्टे वाले बाबा की मज़ार

मिसाल हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक टोंक फाटक स्थित हज़रत गट्टे वाले बाबा रहमतुल्लाह अलेह की मजार पर होने वाले सालाना आयोजनों में से एक रोज़ा इफ्तार ,इस वर्ष भी हर्षोल्लास, सदभावना और धूमधाम से आयोजित किया गया.

रोज़ा इफ्तार के आयोजन में शरीक होने वाले मुस्लिम रोज़ेदारों की खिदमत मे हिन्दू धर्म के लोगों ने इफ्तारी का सामान परोस कर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल  की.  सभी रोज़ेदारों ने दरगाह की मस्जिद में नमाज अदा की.टोंक रोड स्थित हजरत गट्टे वाले बाबा रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह मौजूद है जिसमें सभी धर्मो के लोग अपनी मुराद लेकर आते है.

इस अवसर पर बाबा के दरबार में काम करने वाले कार्यकर्ताओं में लक्ष्मी नारायण जी कोठत्यो बंबाला वाले, नवरत्न बथाडिया, सुमित शर्मा जीतावाला, रामबाबू अग्रवाल राशन वाले, ओम प्रकाश ठेकेदार, धीरज टकसाली ज्वेलर,यश ठाकुर युगल विष्णु व सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर बाबा के रोज़ेदारों की सेवा कर कोमी एकता की मिसाल पेश की.

दरगाह के गद्दीनशीन बाबा खलीफा अकबर अली शाह की ओर से दुआ की गई देश में अमन चैन बना रहे और सज्जादा नशीन वसीम शाह की ओर से आह्वान किया गया कि सभी त्योहार सांप्रदायिक सौहार्द के साथ मनाया जाए.

इस कड़ी में संसार चंद्र रोड स्थित दरगाह मीर कुर्बान अली में हर साल की तरह इस बार भी रोज़ा इफ़्तार कार्यक्रम आयोजित करवाया गया. इसमें तमाम रोज़ेदारों को रोज़ा इफ़्तार कराया गया.रोज़ेदारों ने नमाज अदा कर मुल्क की तरक्की और कौम की सलामती की दुआ मांगी.दरगाह सज्जादनशीन डॉ.सैय्यद हबीबुर्रहमान नियाज़ी ने कहा कि माह-ए-रमजान बरकती महीना है.

 इस महीने में हर नेकी का 70गुना सवाब मिलता है.नेकी के रास्ते पर चलने वाले लोगों पर अल्लाह की रहमतें बरसती हैं.अल्लाह ने नेकी का बदला दुनिया और आखिरत दोनों जगह रखा है.लिहाजा, ईमान वालों को नेकी करते रहना चाहिए.यह महीना सब्र का और अपनी नफ्ज़ को कंट्रोल करने का है.

ajmer

 सिर्फ दिन-भर भूखा प्यासा रहना रोज़ा नहीं है.रोज़ा पूरे जिस्म का होता है.उन्होंने कहा,जकात का सही मकसद लोग भूल गए है.जकात का मतलब, समाज में जो लोग आर्थिक तौर पर पिछड़े हैं, उनकी मदद करके भविष्य में जकात देने वाला बनाना है.इफ़्तार कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद अश्क अली टांक और आदर्श नगर विधायक रफीक खान भी पहुंचे.

रोज़ा खोलने की रस्म इफ़्तार

रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोज़ा रखते हैं.सुबह सवेरे सेहरी की जाती है, उसके बाद पूरे दिन कुछ नहीं खाया जाता.शाम में सूरज ढलने के बाद रोज़ा खोला जाता है.शाम को रोज़ा खोलने की रस्म को ही इफ्तार कहा जाता है.इस दौरान लोग एक-साथ अपना रोज़ा खोलने के लिए इकट्ठा होते हैं.

 जब लोग बड़ी संख्या में एक जगह इकट्ठा होते हैं तो इसे रोज़ा इफ़्तार का नाम दे दिया जाता है.एक बात ध्याेन देने की यह है कि रोज़ा वही खोलता है, जिसने पूरे दिन का रोज़ा रखा हो। इफ्तार के बाद लोग शाम की नमाज अदा करते हैं.