पत्रकारिता का ऐसा जुनूनः दिनेश खुद हाथ से लेकर बांटते हैं न्यूजपेपर

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 07-06-2021
दिनेश हाथ से अखबार लिखते हुए
दिनेश हाथ से अखबार लिखते हुए

 

मुजफ्फरनगर. आज के इस डिजिटल जमाने में हाथों से लिखा गया समाचारपत्र हमें पुराना लग सकता है, लेकिन मुजफ्फरनगर जिले के एक कोने में यह आज भी प्रासंगिक है. विद्या दर्शन अखबार के मालिक और संपादक दिनेश के पास न तो कोई प्रिंटिंग प्रेस है, न कोई कर्मचारी है और न ही टाइपराइटर है.

आर्ट पेपर शीट्स में वह खुद लिखते हैं और चित्र बनाते हैं. अखबार लिखने के बाद वह उसकी फोटोकॉपी करवाते हैं और फिर शहर के विभिन्न इलाकों तक उन्हें ले जाते हैं और इन्हें चिपकाते हैं.

दिनेश की उम्र पचास के दशक के उत्तरार्ध में हैं. वह कहते हैं, “मैं पिछले 17 सालों से अपना खुद का अखबार लिख रहा हूं. मुझे खबर लिखने में लगभग तीन घंटे लगते हैं.”

गांधी नगर कॉलोनी के रहने वाले दिनेश के पास एक पुरानी साइकिल है. हर दिन बदलने लायक उनके पास कपड़े भी नहीं है.

वह कहते हैं, “लोग मेरा अखबार पढ़ते हैं क्योंकि मैं स्थानीय मुद्दों और घटनाओं को उजागर करता हूं. चूंकि मैं अखबार से कुछ नहीं कमाता, इसलिए मैं शाम को आइसक्रीम बेचकर गुजारा करता हूं.”

दिनेश को खुशी तब मिलती है जब वह देखते हैं कि लोग पढ़ने के लिए उनके अखबार के इर्द-गिर्द घूमते हैं. दिनेश के लिए पत्रकारिता उनका जुनून है. उन्होंने कहा, “मैं पत्रकारिता से एक पैसा नहीं कमाता. मुझे कभी कोई विज्ञापन या सरकारी समर्थन नहीं मिला है, लेकिन मेरे काम से मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है.”

इसके अलावा, दिनेश ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने समाचार पत्र में स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त की जिसने लोगों को आत्मनिरीक्षण करने के लिए मजबूर किया.

उन्होंने कहा, “मैं शायद ही कभी राजनीति पर लिखता हूं. मैं सामाजिक प्रासंगिकता वाली घटनाओं पर लिखना पसंद करता हूं. जो कोई भी मेरा अखबार पढ़ता है, वह जानता है कि जिले में वास्तव में क्या हो रहा है.”