आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
करेला भले ही स्वाद में कड़वा हो, लेकिन इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत में इसे भूनकर या मसालेदार तरीकों से खाने का चलन आम है। हालांकि अक्सर लोग इसके बीजों को हटाए बिना ही सब्ज़ी में शामिल कर लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि करेले के बीजों का सेवन किन वजहों से आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
करेले के बीजों में लेक्टिन नामक तत्व पाया जाता है, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। इससे पेट दर्द, अपच, डायरिया, मिचलाहट और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए बीजों को निकालकर ही करेले को पकाना और खाना बेहतर माना जाता है।
कुछ लोगों को करेले या उसके बीजों से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। इन बीजों में मौजूद विस्किन नामक तत्व संवेदनशील लोगों में खुजली, चकत्ते, सांस लेने में दिक्कत और चेहरे या गले में सूजन जैसी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है। ऐसे लोगों को करेले के बीज से पूरी तरह परहेज़ करना चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को करेले के बीज नहीं खाने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इनके सेवन से गर्भाशय में संकुचन (uterine contractions) हो सकते हैं, जिससे गर्भावस्था में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाएं करेले का सेवन करते समय इसके बीजों को विशेष रूप से निकाल दें।
अगर आप डायबिटीज़ या अन्य किसी बीमारी की दवाइयां ले रहे हैं तो करेले के बीज आपके लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं। ये बीज दवाओं के साथ प्रतिक्रिया (interaction) कर सकते हैं, जिससे रक्त में शुगर का स्तर अत्यधिक कम (Hypoglycemia) हो सकता है। इससे कमजोरी, चक्कर और बेहोशी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
करेले को पकाने से पहले उसके बीज निकाल दें।
गर्भवती महिलाएं करेले से परहेज़ करें या डॉक्टर की सलाह लें।
डायबिटीज़ या अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग करेले और उसके बीजों का सेवन शुरू करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।
शरीर में किसी भी तरह की असामान्य प्रतिक्रिया दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष:
करेला सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसके बीज सावधानी से खाने योग्य नहीं हैं। ज़रा सी लापरवाही आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। इसलिए जानकारी के साथ ही इसका सेवन करें।