नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने बुधवार को जानकारी दी कि वह आवारा कुत्तों को भोजन कराने के लिए तय स्थानों की पहचान के काम में जुटा है और इस प्रक्रिया में श्वान प्रेमियों व पशु कल्याण कार्यकर्ताओं को भी शामिल करने की योजना बना रहा है।
एमसीडी अधिकारियों ने बताया कि यह कदम हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उठाया गया है, जिसमें हर वार्ड में आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए निर्धारित भोजन स्थलों की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया था। इसी के अनुपालन में दिल्ली के सभी 250 वार्डों में ऐसे स्थानों की पहचान की जा रही है।
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,"यह एक योजनाबद्ध प्रक्रिया है। दो सौ से अधिक वार्डों में उपयुक्त और सुरक्षित स्थानों की पहचान करना आसान नहीं है, इसलिए हम विभिन्न विभागों और संबंधित हितधारकों से लगातार विचार-विमर्श कर रहे हैं।"
एमसीडी ने बताया कि वह उन श्वान प्रेमियों और पशु कल्याण कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करेगा जो कुत्तों को नियमित रूप से भोजन कराते हैं और इसके लिए स्थान या ज़मीन उपलब्ध कराने की इच्छा रखते हैं। ऐसे स्थानों को आवश्यक मूल्यांकन के बाद आधिकारिक सूची में शामिल किया जा सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन स्थलों पर भोजन वितरण व्यावहारिक और सुरक्षित हो, एमसीडी विभिन्न विभागों जैसे पशु चिकित्सा विभाग, स्वच्छता विभाग, आरडब्ल्यूए, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और निवासियों के साथ परामर्श कर रहा है। इसके अलावा, कोशिश की जा रही है कि ऐसे स्थल आवासीय इलाकों से दूर बनाए जाएं ताकि स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी चिंताएं कम हों।
गौरतलब है कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों से रिहा करने पर रोक के निर्देश को "बहुत कठोर" बताया और यह स्पष्ट किया कि प्रत्येक वार्ड में आवारा कुत्तों के लिए भोजन की व्यवस्था करना आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति निर्धारित स्थान के अलावा सड़क पर कुत्तों को खाना खिलाते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि दिल्ली में आवारा कुत्तों की संख्या भारत के किसी भी अन्य शहर की तुलना में सबसे अधिक है, और इस कारण अक्सर स्थानीय निवासियों, फीडरों और नगर निगम अधिकारियों के बीच टकराव की स्थिति बन जाती है। लेकिन अब एमसीडी की इस योजनाबद्ध पहल से स्थिति में स्पष्टता आएगी और स्थानीय स्तर पर विवादों में कमी आने की उम्मीद है।
एमसीडी ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करने की दिशा में प्रायोगिक रूप से द्वारका सेक्टर 29 और बेला रोड पर कुत्तों के लिए विशेष आश्रय स्थल विकसित करने की योजना बनाई गई है, जहां विशेष रूप से आक्रामक स्वभाव वाले कुत्तों को रखा जाएगा।