अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने क्यों कहा , पाकिस्तान हमारा भाई है भारत का दुश्मन कैसे बन गया ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-11-2022
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने क्यों कहा , पाकिस्तान हमारा भाई है भारत का दुश्मन कैसे बन गया ?
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने क्यों कहा , पाकिस्तान हमारा भाई है भारत का दुश्मन कैसे बन गया ?

 

आवाज द वॉयस/जबलपुर

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद द्वारा घोषित उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत का भाई बताया है. उन्होंने कहा कि हमारे शक्तिपीठ इन देशों में हैं.उन्होंने भारत-पाकिस्तान विभाजन को रद्द करने की पैरवी करते हुए कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान विभाजन स्वीकार किया गया है तो फिर भारत के मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए. भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ है.

अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए विभाजन को रदद करने के पक्ष में अपना तर्क रखते हुए कहा, अखंड भारत के लोगों के मन में सदा से यह पीड़ा रही है. रामराज्य परिषद, करपात्री महाराज और हमारे गुरु जी के मन में हमेशा से यह पीड़ा थी. भारत के दो टुकड़े हो गए. हम अपने तीर्थ के दर्शन के लिए बिना वीजा के नहीं जा सकते और वह वीजा बड़ी मुश्किल से मिलता है.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान और बांगलादेश में हमारे शक्तिपीठ हैं, जो विभाजन के बाद वहां चले गए. यह विभाजन इसलिए हुआ था कि हिंदू यहां रह जाएंगे और मुसलमान वहां चले जाएंगे. मगर ऐसा हुआ नहीं. जिस मकसद के  लिए विभाजन हुआ, वह पूरा नहीं हुआ.

उन्होंने कहा,आजादी के 75 साल हो गए हैं और हम यह व्यवस्था नहीं बना पाए कि हिंदू यहां रह जाएं और मुसलमान पाकिस्तान चले जाएं या दोनों मिलकर रहें.भारत और पाकिस्तान के लोंगों को लेकर उन्होंने कहा, हमसे ही अलग हुआ देश भारत का ही सबसे बड़ा शत्रु क्यों बन गया ?

आज जब दुश्मन की बात आती है तो सरकार चाहे जो वक्तव्य दे, लेकिन जब पाकिस्तान के लोगों का वीडियो सामने आता है तो उनकी भारत के खिलाफ भावना दिखती है और भारत के लोगों की इसी तरह की. जब क्रिकेट का मैच होता है तो भारत के जीतने पर पाकिस्तान के लोग परेशान हो जाते हैं. पाकिस्तान के जीतने पर भारत के लोग परेशान हो जाते हैं.

उन्होंने कहा, हमारा भाई जो हमसे अलग हुआ, समझौता करके अलग हुआ, वह दुश्मन कैसे बन गया. ऐसा इसलिए क्योंकि यह मामला राजनीतिक हो गया.