उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने मस्जिद में राजनीतिक बैठक करने के लिए अखिलेश यादव की आलोचना की

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 22-07-2025
Uttarakhand Waqf Board chairman criticised Akhilesh Yadav for holding political meeting in mosque
Uttarakhand Waqf Board chairman criticised Akhilesh Yadav for holding political meeting in mosque

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव पर नयी दिल्ली में संसद मार्ग पर स्थित मस्जिद का उपयोग एक राजनीतिक बैठक के लिए करने का आरोप लगाया और इसे मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने वाला बताते हुए उनसे माफी मांगने को कहा.
 
शम्स ने कहा, ‘‘मस्जिदें आस्था का पवित्र केंद्र होती हैं जहां नमाज पढ़ी जाती है, न कि राजनीतिक चर्चा. पार्टी सांसदों के साथ राजनीतिक बैठक के लिए मस्जिद का उपयोग करके अखिलेश यादव ने मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचायी है. अपने किए के लिए उन्हें मुसलमानों से माफी मांगनी चाहिए.
 
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष उन तस्वीरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जो समाजवादी पार्टी के सांसद धमेंद्र यादव ने ‘एक्स’ पर डाली हैं. इन तस्वीरों में यादव मस्जिद के अंदर अपनी पत्नी डिंपल, रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्ला नदवी और संभल सांसद शफीकुर रहमान बर्क समेत कई पार्टी सांसदों के साथ बैठे देखे जा सकते हैं.
 
शम्स ने इन तस्वीरों के बारे में झूठ बोलने के लिए धमेंद्र यादव की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा कि ये तस्वीरें नदवी के दिल्ली आवास पर ली गयी हैं.
 
उन्होंने कहा,‘‘ तस्वीरों में संसद मार्ग पर (जामा) मस्जिद का शानदार अग्रभाग और उसकी आंतरिक साज सज्जा आसानी से पहचानी जा सकती है. धमेंद्र यादव को इस बारे में झूठ नहीं बोलना चाहिए था.’’
 
'एक्स' पर तस्वीरें डालते हुए धमेंद्र यादव ने लिखा था,‘‘रामपुर सांसद मोहिबुल्ला नदवी जी के दिल्ली आवास पर.’
 
शम्स ने कहा कि यादव तस्वीरों के स्थान के बारे में जानबूझकर झूठ इसलिए बोल रहे हैं कि क्योंकि उन्हें खुद को यह पता है कि मस्जिद का राजनीतिक मकसद के लिए उपयोग करना सही नहीं है.
 
उन्होंने कहा कि वह गैर मुसलमानों के मस्जिद में जाने या गैर-हिंदुओं के मंदिरों में प्रवेश करने के विरूद्ध नहीं है लेकिन राजनीतिक मकसद के लिए मस्जिद का उपयोग करना इस्लाम की भावना के खिलाफ है.