डोडा (जम्मू-कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में वन विभाग ने लकड़ी माफिया और अवैध कटाई पर कड़ा शिकंजा कसते हुए पिछले दो महीनों में 52 वन अपराध मामले दर्ज किए हैं। इस दौरान अवैध पेड़ कटाई में इस्तेमाल होने वाले 22 मैकेनिकल कटर भी जब्त किए गए।
वन विभाग की टीमों ने नीरू और चिरल्ला रेंज के विभिन्न इलाकों में अभियान चलाकर दर्जनों अवैध देवदार की लकड़ी के गट्ठर (स्कैंट्स) बरामद किए, जिन्हें गैरकानूनी तरीके से ले जाया जा रहा था। यह कार्रवाई क्षेत्र में सक्रिय कथित ‘वन माफिया’ की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए की जा रही है।
पर्यावरणीय क्षरण और अवैध कटाई को गंभीर पारिस्थितिक खतरा बताते हुए विभाग ने कहा है कि आने वाले महीनों में इस तरह के अभियान और तेज़ी से जारी रहेंगे।
भद्रवाह के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) देविंदर कुमार ने एएनआई से बातचीत में बताया, "हमारी वन सुरक्षा टीमें न सिर्फ दिन में बल्कि रातभर भी चौकसी पर रहती हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार गश्त की जा रही है। इसके अलावा, हमने कुख्यात तस्करी मार्गों पर अस्थायी नाके (चेकप्वाइंट) भी बनाए हैं ताकि अवैध लकड़ी की आवाजाही को रोका जा सके।"
उन्होंने कहा, "पहले तस्कर कुल्हाड़ियों जैसे साधारण औजारों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब वे मैकेनिकल कटर का उपयोग कर रहे हैं, जिससे कुछ ही मिनटों में बड़े पेड़ काटे जा सकते हैं। यह हमारे वन आवरण के लिए बेहद खतरनाक है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डोडा जिले में मैकेनिकल कटर की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।"
कुमार ने जानकारी दी, "पिछले दो महीनों में ही 52 वन अपराध मामले वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं। 22 अवैध रूप से इस्तेमाल हो रहे मैकेनिकल कटर जब्त किए गए हैं और दर्जनों देवदार लकड़ियां तस्करों से बरामद की गई हैं। भद्रवाह वन प्रभाग हर हाल में वन अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति लागू करने और हमारे हरे-भरे पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।"