आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
जमियत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव एवं पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी मौजूदा दौर की पत्रकारिता को लेकर बेहद चिंतित हैं. उन्हें भरोसा है कि ऐसे नाजुक दौर में ‘आवाज द वाॅयस ’ न केवल पत्रिकारिता में नई मिसाल कायम करेगा, समाज को नई दिशा भी देगा.
मौलाना महमूद मदनी ने यह बातें आवाज द वाॅयस के एक साल पूरा होने के मौके पर अपने मुबारकबाद संदेश में कहीं.उन्होंने अपने वीडियो संदेश में आवाज द वाॅयस को बधाई देते हुए कहा,’’ इसके एक साल पूरा होने पर मुबारकबाद देना चाहता हूं, बधाई देना चाहता हूं.’’
उन्होंने आवाज के युवाओं और अनुभवी टीम के प्रति उम्मीद जाहिर की, ’’ यह युवा आवाज है. ऐसी आवाज को मानवता की जरूरत है. ह्यूमैनिटी की जरूरत है. यह वो आवाज है जो चीख-चीख कर कह रही है कि एक हो जाओ, बराबर हो जाओ.’’
महमूद मदनी ने आगे कहा, यह वो आवाज है जो चीखते हुए सन्नाटे में गूंह रही है कि लोगों इकट्ठे हो जाओ, जहालत दू करने के लिए, मानवता के लिए, सच्चाई के लिए, ईमानदारी के लिए.’’
महमूद मदनी ने आवाज द वाॅयस की टीम के काम करने के तरीके की तारीफ करते हुए कहा,’’ मैं पूरी टीम को मुबारकबाद दूंगा.’’ साथ मीडिया के मौजूदा रवैए पर चिंता प्रकट करते हुए कहा,‘‘ ऐसे नाजुक दौर में जब सहाफत, जर्नलिज्म, पत्रकारिता को धंधा बना दिया गया है. ऐसे समय में, ऐसी पाक आवाज की जरूरत और ज्यादा बढ़ गई है.’’