हिंदू आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं, मालेगांव फैसला इसका प्रमाण: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-07-2025
There is no such thing as Hindu terrorism, Malegaon decision proof of this: Chief Minister Himanta Biswa Sharma
There is no such thing as Hindu terrorism, Malegaon decision proof of this: Chief Minister Himanta Biswa Sharma

 

गुवाहाटी,

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने गुरुवार को मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों के बरी होने को ‘हिंदू आतंकवाद’ की अवधारणा के खंडन का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला स्पष्ट करता है कि "हिंदू आतंकवादी" जैसी कोई बात संभव ही नहीं है।

एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बुधवार को कहा था कि कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता। आज अदालत का निर्णय भी उसी बात को दोहराता है और 'हिंदू आतंकवाद' शब्द को पूरी तरह खारिज करता है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 'हिंदू आतंकवाद' शब्द तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक खास समुदाय को खुश करने के लिए गढ़ा था।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हिंदू धर्म, दर्शन, संस्कृति और ग्रंथों में कहीं भी हिंसा या आतंकवाद को प्रोत्साहन नहीं दिया गया है। ‘हिंदू’ और ‘आतंकवाद’ एक-दूसरे के विरोधी हैं, वे एक साथ नहीं हो सकते।”

उन्होंने आगे कहा कि इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिए जाने से इस शब्द के खिलाफ हमारी लंबे समय से चली आ रही आपत्ति को न्यायिक पुष्टि मिली है।

गौरतलब है कि मालेगांव विस्फोट की घटना को लगभग 17 वर्ष बीत चुके हैं। इस मामले में गुरुवार को एक विशेष अदालत ने भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सातों आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि उनके खिलाफ कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत नहीं है।

विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने फैसले में कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और सिर्फ धारणा के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।