कोलकाता
कोलकाता के प्रमुख दुर्गा पूजा आयोजनों में से एक, संतोष मित्रा स्क्वायर इस वर्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित पंडाल के ज़रिए भारतीय सेना की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देगा।
पूजा समिति के प्रवक्ता और भाजपा नेता सजल घोष ने पीटीआई को बताया कि पंडाल में युद्धभूमि की झलक पेश की जाएगी, जहां सेना के साहसिक क्षणों को विशेष मॉडल, नाटकीय प्रकाश, ध्वनि प्रभावों और देशभक्ति गीतों जैसे 'कदम कदम बढ़ाए जा', 'मेरे वतन' और 'वंदे मातरम्' के माध्यम से जीवंत किया जाएगा।
घोष ने कहा, “हमारा उद्देश्य देश के रक्षकों को श्रद्धांजलि देना और राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाना है।”
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडाल अब केवल धार्मिक आयोजन नहीं रह गए हैं, बल्कि सामाजिक और ऐतिहासिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने वाले कला मंच बन चुके हैं। ऐसे में हर साल थीम आधारित पंडालों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
इस साल का एक और प्रमुख आकर्षण है भवानीपुर 75 पाली का पंडाल, जो 19वीं सदी की प्रसिद्ध रंगकर्मी नटी बिनोदिनी को समर्पित होगा — जो मंच पर अभिनय करने वाली पहली बंगाली महिला थीं।
समिति के सचिव सुबीर दास ने पीटीआई को बताया, “बिनोदिनी दासी उस युग की प्रतीक हैं जब महिला पात्रों की भूमिका भी पुरुष निभाते थे। उनका मंच पर आना एक ऐतिहासिक क्षण था।”
दास ने कहा कि उस दौर को फिर से जीवंत करने के लिए पंडाल में गिरीश घोष द्वारा निर्मित थिएटर, बिनोदिनी के मंच प्रदर्शन के दृश्य, और वह क्षण भी दिखाया जाएगा जब संत रामकृष्ण परमहंस ने उनके अभिनय से प्रभावित होकर उन्हें आशीर्वाद दिया था।
प्रतिमा निर्माण कर रहे कलाकार परिमल पाल ने बताया कि इस वर्ष ‘सनातनी’ शैली की दुर्गा प्रतिमा बनाई जा रही है, जो नारी सशक्तिकरण का प्रतीक होगी। पंडाल में हाल ही में ‘स्टार थिएटर’ का नाम बदलकर ‘बिनोदिनी मंच’ किए जाने को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी।
दुर्गा पूजा, जो पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा उत्सव है, हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं और दर्शकों को आकर्षित करता है। यह उत्सव कला, चेतना और सामाजिक संवाद का माध्यम बन चुका है।
इस वर्ष दुर्गा पूजा का आयोजन 28 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक किया जाएगा।