हरिद्वार
उत्तराखंड के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ मां मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ ने प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी। शिवालिक पर्वतमाला पर स्थित यह मंदिर सावन के महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को आकर्षित करता है, लेकिन आज की घटना में अव्यवस्थाओं की कीमत छह श्रद्धालुओं को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, जबकि 29 अन्य घायल हो गए।
सुबह से ही मंदिर मार्ग पर भारी भीड़ उमड़ रही थी। सावन का पावन महीना और रविवार का दिन होने के कारण भीड़ का अनुमान पहले से लगाया जा सकता था, बावजूद इसके प्रशासन की ओर से न तो सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध थे और न ही भीड़ नियंत्रण के लिए कोई ठोस व्यवस्था। हादसे के बाद मदद के लिए सबसे पहले पहुंचे स्थानीय लोगों ने यही सवाल उठाया।
यह संकरा रास्ता एक ओर से श्रद्धालुओं के मंदिर जाने और दूसरी ओर से वापसी का मार्ग भी था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह सात बजे के बाद हालात इतने बिगड़े कि रास्ते पर तिल रखने की भी जगह नहीं बची। इसी दौरान किसी ने भीड़ में बिजली का करंट फैलने की अफवाह उड़ा दी, जिससे भगदड़ मच गई।
कुछ लोगों का कहना है कि रास्ते में लगे बिजली मीटर में शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारी निकली, जिससे डर फैल गया। वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि लोग एक-दूसरे पर गिर रहे हैं और भगदड़ के बाद प्रसाद, चुनरियां, जूते और अन्य सामान बिखरे पड़े हैं।
बिहार के बड़ियारपुर निवासी अजय कुमार (19), जो हादसे में घायल हुए हैं, ने बताया, "मैं मंदिर की ओर बढ़ रहा था, तभी अचानक लोग भागने लगे और गिरने लगे। मैं भी गिर गया, जिससे मेरा पैर टूट गया।"
बरेली की निर्मला देवी (30) भी इसी भगदड़ में घायल हो गईं। उन्होंने बताया कि जब मंदिर जा रहे और लौट रहे लोग आमने-सामने आए, तो संभल नहीं पाए और गिरते चले गए।
एक प्रत्यक्षदर्शी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, “मैं ऊपर से देख रहा था कि अचानक लोग गिरने लगे और उनके ऊपर से भीड़ गुजरती रही।”
घटना की सूचना मिलते ही घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल लाया गया, जहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर. बी. सिंह ने बताया कि सभी घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। पांच की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स रेफर कर दिया गया है।
मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने बताया कि मंदिर में सभी व्यवस्थाएं ठीक थीं और वहां किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। उनके अनुसार, रास्ते में कुछ श्रद्धालुओं के गिरने से भगदड़ मची। घटना के बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए फिलहाल बंद कर दिया गया है और परिसर को खाली करा लिया गया है। स्थिति सामान्य होने पर मंदिर फिर से खोला जाएगा।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों को लेकर गंभीरता जरूरी है। श्रद्धालुओं की जान की कीमत प्रशासनिक चूक से नहीं चुकाई जा सकती।