कोलकाता
पश्चिम बंगाल में फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को किसी भी सिनेमाघर में स्क्रीन न मिलने के बाद इसकी निर्माता और अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
इसी बीच, गोपाल चंद्र मुखर्जी के पोते ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि फिल्म में मुख्य पात्र को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है और रिलीज़ पर रोक की मांग की है।
जोशी ने राष्ट्रपति को लिखे खुले पत्र में आरोप लगाया कि राज्य के थिएटर मालिकों को डराया-धमकाया जा रहा है। उनके अनुसार, सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा की आशंका के कारण मल्टीप्लेक्स श्रृंखलाएं फिल्म दिखाने से पीछे हट रही हैं। इस पत्र को उनके पति और फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया।
पल्लवी जोशी ने लिखा, “राष्ट्रपति महोदया, मैं किसी फिल्म के लिए उपकार नहीं मांग रही हूं। मुझे सिर्फ इतना चाहिए कि कला, सच्चाई और मां भारती की आत्मा के लिए बिना डर अपनी बात कहने का हक़ मिले। आप मेरी आखिरी उम्मीद हैं। कृपया हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करें और पश्चिम बंगाल में ‘द बंगाल फाइल्स’ को शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शित करने की अनुमति दिलवाएं।”
अग्निहोत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार और पुलिस अधिकारी थिएटर मालिकों को दबाव में डालकर फिल्म प्रदर्शित करने से रोक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माता अब कानूनी कदम उठाने की तैयारी में हैं।
यह फिल्म 5 सितंबर को रिलीज़ होनी है। फिल्म में ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ के दौरान हुए हिंदू नरसंहार, नोआखली की त्रासदी और विभाजन की पीड़ादायक कहानियों को उजागर किया गया है।
दूसरी ओर, दक्षिण कोलकाता स्थित नवीना थिएटर के मालिक नवीन चोखानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि उनके यहां पहले से ही ‘बागी 4’ और बंगाली फिल्म ‘धूमकेतु’ लगी हुई हैं, इसलिए वे फिलहाल कोई नई फिल्म नहीं जोड़ सकते। उन्होंने कहा, “हमारे लिए और एक फिल्म दिखाना संभव नहीं है।”