मुंबई
भारतीय छात्रों में अब अमेरिका के बजाय जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों को लेकर ज्यादा आकर्षण देखने को मिल रहा है। एडटेक कंपनी 'अपग्रेड' की ट्रांसनेशनल एजुकेशन (TNE) रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के आवेदनों में 13% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि जर्मनी जैसे देशों में 32.6% की बढ़ोतरी देखी गई है।
यूरोप और पश्चिम एशिया बन रहे नए पसंदीदा गंतव्य
रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका अब भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा शैक्षणिक गंतव्य नहीं रह गया है। वर्ष 2022 में जहां अमेरिका और कनाडा क्रमशः 19% और 18% छात्रों की पहली पसंद थे, वहीं अब यह आंकड़ा 2025 तक घटकर अमेरिका के लिए 47% और कनाडा के लिए मात्र 9% रह गया है।
वहीं दूसरी ओर, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देश छात्रों को तेजी से आकर्षित कर रहे हैं। यूएई में तो 42% अंतरराष्ट्रीय छात्र भारतीय हैं, जो इस क्षेत्र को भारत के छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और सुलभ शिक्षा गंतव्य बना रहा है।
दुबई और कतर में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के सैटेलाइट कैंपस
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुबई और कतर में स्थित शिक्षा केंद्रों जैसे एजुकेशन सिटी में कई प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयों — जैसे जॉर्जटाउन, जॉन्स हॉपकिन्स, आरआईटी, कार्नेगी मेलॉन और वेइल कॉर्नेल — के सैटेलाइट कैंपस मौजूद हैं, जो अपने मूल संस्थानों के समान ही डिग्री प्रदान करते हैं।
ब्रिटेन और आयरलैंड की ओर भी रुझान
हालांकि ब्रिटेन में नीतिगत बदलावों को लेकर कुछ चिंताएं बनी हुई हैं, फिर भी वहां भारत से हजारों छात्र हर साल जा रहे हैं। इसका श्रेय ब्रिटेन के विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों, कम अवधि के पोस्टग्रेजुएट कोर्स और विस्तृत विषय विकल्पों को दिया गया है।
साथ ही, आयरलैंड ने भी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से अपना स्थान बना लिया है और वह छात्रों के लिए एक तेजी से उभरता हुआ विकल्प बन रहा है।
रिपोर्ट का आधार
यह रिपोर्ट जनवरी 2024 से मई 2025 के बीच आयोजित एक व्यापक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें एक लाख से अधिक प्रतिभागी, मुख्य रूप से भारतीय छात्र, शामिल हुए थे।निष्कर्ष: बदलती वैश्विक नीतियों, शिक्षा की लागत और भविष्य के करियर अवसरों को ध्यान में रखते हुए भारतीय छात्र अब अमेरिका के बजाय अधिक व्यावहारिक और किफायती विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे ग्लोबल हायर एजुकेशन परिदृश्य में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।