दिल्ली
दिल्ली में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे कालिंदी कुंज और आस-पास के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की चार टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं।
एनडीआरएफ अधिकारी राजेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि “प्रशासन और एनडीआरएफ ने मिलकर अच्छी व्यवस्था की है। अभी तक हमने लगभग 1180 लोगों को सुरक्षित निकाला है। हमें उम्मीद है कि जलस्तर जल्द कम होगा।”
कालिंदी कुंज के कई हिस्से शुक्रवार को पानी में डूबे नजर आए। यमुना नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है। इसके अलावा दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित मोनास्ट्री मार्केट, निगम बोध घाट, यमुना बाजार, वासुदेव घाट और अन्य निचले इलाके भी जलमग्न हो गए हैं।
प्रशासन ने बताया कि पानी निकालने के लिए पंपिंग मशीनें लगाई गई हैं। संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को मयूर विहार फेज-1 के पास बने राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
इस बीच, दिल्ली के मंत्री परवेश वर्मा ने शुक्रवार को सिविल लाइंस क्षेत्र का दौरा किया और कहा कि “इस इलाके में एक बूंद भी पानी नहीं है। रिंग रोड से लगी सर्विस रोड की ऊंचाई 8 से 10 फीट कम है, इसलिए वहां पानी भर गया है जिसे निकाला जा रहा है। यह कहना सही नहीं है कि दिल्ली यमुना में डूब गई है।”
बता दें कि यमुना नदी के लिए दिल्ली में चेतावनी स्तर 204.5 मीटर और खतरे का स्तर 205.33 मीटर है, जबकि 206 मीटर पर लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। शुक्रवार सुबह पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 207 मीटर से ऊपर रिकॉर्ड किया गया, जो गुरुवार सुबह 207.48 मीटर तक पहुंच गया था — यह इस मानसून का अब तक का सबसे ऊंचा जलस्तर है।
दिल्ली के कई हिस्सों में अब भी गंभीर जलभराव की स्थिति बनी हुई है और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।