आतंकियों के उखड़ रहे पैरः बौखला कर निर्दोषों को बना रहे निशाना, अमरेज बने नए शिकार

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 12-08-2022
आतंकियों के उखड़ रहे पैरः बौखला कर निर्दोषों को बना रहे निशाना, अमरेज बने नए शिकार
आतंकियों के उखड़ रहे पैरः बौखला कर निर्दोषों को बना रहे निशाना, अमरेज बने नए शिकार

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली

सेना एवं जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशान से बौखालाए आतंकवादी कायराना हरकत पर उतर आए हैं. आम लोगों में दहशत बनाए रखने के लिए किसी बड़े समूहों पर हमला करने की बजाए उनकी ओर से आम लोगों को टार्गेट किया जा रहा है. इसी क्रम में गुरूवार-शुक्रवार की आधी रात को बांदीपोरा में एक प्रवासी मजदूर की आतंकवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी.

ऐसा इस लिए है, ताकि कश्मीर में चल रहे विकास कार्य, आजादी के अमृत महोत्सव में खलल डालने के अलावा उनकी हनक का डंका दूर तक सुनाई दे. इस घटना से एक दिल पहले आतंकवादियों ने राजौरी में सेना के कैंप पर आत्मघाती हमले की कोशिश की थी, मगर समय रहते नाकाम कर दिया गया.
 
इस दौरान मुठभेड में दो खंुखार आतंकवादी मारे गए थे और सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे.अनुच्छेद 370 हटने के बाद से आतंकवादी संगठन कश्मीर के बढ़ते विकास, भाईचारा, खेल, पर्यटन को पटरी से उताने के प्रयास में हैं.
 
आम आदमी और खासकर प्रवासी मजदूरों को इस लिए निशाना बनाया जाता है, ताकि कश्मीर के पहिए को आगे बढ़ाने में  अहम भूमिका निभाने वालों को रोका जा सके है.
 
ताजी घटर में जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के सोदनारा सुंबल में गुरुवार- और शुक्रवार की दरमियानी रात को बिहार के मधेपुरा के रहने वाले मोहम्मद अमरेज तब गोली का शिकार बने जब वह शौच के लिए कमरे के बाहर गए थे.
 
सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में मृतक के भाई तनवीर को कहते सुना जा सकता है, रात 12ः20 के करीब फायरिंग की आवाज सुनाई पड़ी. इस पर छोटे भाई ने उसे जगा कर फॉयरिंग की बात बताई. त
 
ब तनवीर ने उसे यह कहकर शांत कर दिया कि यहां यह सब होता रहता है. बाद में देखा तो बड़ा भाई बिस्तर पर नहीं था. छोटा भाई उन्हें खोजने के लिए बाहर गया तब उसे खून में लथपथ बड़े भाई का शिव मिला.
 
इसके बाद उसने सेना को फोन किया. सेना भाई को अस्पताल ले गई, पर अस्पताल के रास्ते में ही उसने दमा तोड़ दिया. इससे एक दिन पहले राजौरी में सेना के कैंप पर आत्मघाती बम से हमले की कोशिश की गई.
 
मगर इसे नाकाम बनाते हुए सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया. इस दौरान सेना के तीन जवान भी शहीद हो गए. शहीद होने वालों मेंसूबेदार राजेंद्र प्रसाद, राइफलमैन मनोज कुमार और राइफलमैन लक्ष्मणन डी शहीद हैं.
 
इससे पहले आतंकियों ने कायराना करतूत का सबूत देते हुए कुलगाम के ड्राइवर सतीश कुमार को गोली मार कर हत्या कर दी था.मार्च के आखिरी हफ्ते में गैर कश्मीरी और राज्य के आम नागरिकों को अधिक निशाना बनाया गया.
 
मार्च के आखिरी हफ्ते में 24 घंटे में तीन लोग आंतकियों के शिकार बने. आतंकियों ने तजमुल मोहिउद्दीन नाम के एक शख्स को बडगाम जिले के गोटपोरा में गोली मार दी थी. मोहिउद्दीन पर उनके घर के पास ही हमला किया गया. इससे पहले एक प्रवासी मजदूर, जो कि कारपेंटर का काम करता था, को आंतकियों ने गोली मार दी थी. 
 
ऐसा नहीं कि सुरक्षा एजेंसियां यहां हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं. आतंकवादियों के सफाए के लिए बड़ी मुस्तैदी से‘ऑपरेशन क्लीन’ को सफल बनाने मं लगी हैं. ऑपरेश के दौरान पिछले एक साल में बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गएं. अभी भी लगभग रोजना  सेना और आतंकिकयों की मुठभेड़ की खबर आती रहती है.
 
बावजूद इसके आतकवादी अपनी रणनीति बदलकर आम आदमी पर छोटे-छोटे हमले प्लान कर रहे हैं.हाल के दिनों में 24 घंटे के भीतर एक्ट्रेस अमरीन भट को जहां हत्यारों ने मौत के घाट उतार दिया, वहीं जवाबी कार्रवाई में 7 आतंकी मारे भी गए थे.
 
हाल में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 3 और लश्कर-ए-तैयबा के 7 आतंकवादी मारे गए हैं.  इनमें दो अमरीन की हत्याारे बताए जाते हैं.बताते हैं कि केंद्र सरकार ने कश्मीर में सेना-प्रशासन को आतंकवादियों से कड़ाई से निपटने का आदेश दिए हैं.
 
इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल में कश्मीर का दौरा किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. आईजीपी कश्मीर का कहना है, आतंकी लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.
 
उन्हांेने कश्मीरी टीवी एक्ट्रेस अमरीन  के साथ 10 साल के भतीजे को भी गोली मार दी थी. इससे पहले बिहार के एक प्रवासी मजदूर को अपनी गोली का निशाना बनाया था, जबकि  कुलगाम जिले में एक बैंक मैनेजर आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए थे.
 
आतंकवादी कुलगाम जिले में एक हिंदू शिक्षक की भी हत्या कर चुके हैं. टीचररजनी बाला (36), को जम्मू के कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल में निशाना बनाया गया. कुछ दिनों पहले बांदीपोरा में बिहार के 19 वर्षीय मजदूर को मार गिराया गया.
 
रजनी की हत्या का कश्मीरी पंडित भारी विरोध कर चुके हैं. बावजूद इसके आतंकवादी अपनी गतिविधि चलाए हुए हैं. बता दें कि केंद्र ने 6 अप्रैल को संसद को सूचित किया था कि 2021 में कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या चरम पर थी.
 
2019 से 14 तक हिंदुओं में से चार कश्मीरी पंडित आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे. घाटी में अनंतनाग, श्रीनगर, पुलवामा और कुलगाम जिलों से हत्याओं की सूचना मिली थी.
 
2017 में, ऐसी 11 हत्याओं की सूचना रिकॉर्ड में दर्ज है. राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के 34 लोगों को आतंकवादियों ने मार डाला, जिसमें 2021 में 11 शामिल हैं.
 
यहां हाल में मारे गए लोगों की सूची 

17 मई, 2022 - राजौरी के कृष्ण लाल के पुत्र रंजीत सिंह (52) के रूप में पहचाने जाने वाले 52 वर्षीय एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि तीन अन्य घायल हो गए. आतंकवादियों ने दीवान में एक नई खुली शराब की दुकान के अंदर ग्रेनेड फेंका दी थी. 

12 मई, 2022: मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा शहर में तहसील कार्यालय के अंदर एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 

-13 अप्रैल, 2022: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने सतीश कुमार सिंह राजपूत नाम के एक नागरिक पर गोलियां चलाईं. उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया. वह पेशे से ड्राइवर था.

4 अप्रैल, 2022: बाल कृष्ण भट (39) को चौटीगाम शोपियां में उनके घर के पास संदिग्ध आतंकवादियों ने मार डाला था.

-17 अक्टूबर, 2021: बिहार के एक गोलगप्पे के फेरीवाले अरबिंद कुमार साह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.