We will not let the issue rest: Mehbooba Mufti on the decision on the prisoner transfer petition
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘‘आश्चर्यजनक’’ है कि जम्मू कश्मीर के कैदियों को अन्य जगहों की जेलों से वापस घर लाने के आग्रह वाली उनकी याचिका को उच्च न्यायालय में खारिज कर दिया गया।
स्थानीय कैदियों के स्थानांतरण का आग्रह करते हुए महबूबा मुफ्ती द्वारा दायर जनहित याचिका को जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया कि ऐसा प्रतीत होता है कि इसे राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए दायर किया गया है।
महबूबा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अदालत का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण और आश्चर्यजनक है।’’
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय का कहना है कि कोई भी ‘‘आम आदमी’’ जनहित याचिका दायर कर सकता है, लेकिन चूंकि वह एक राजनीतिक नेता हैं, इसलिए उनकी जनहित याचिका राजनीतिक कारणों से है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “उच्च न्यायालय यह भूल रहा है कि राजनीतिक नेता जमीनी हकीकतों से गहराई से जुड़े रहते हैं, और मैं, एक राजनीतिक नेता होने के नाते, जम्मू-कश्मीर के लोगों की स्थिति से भली-भांति परिचित हूं। गरीब लोग जेल में बंद अपने परिजनों से मिलने नहीं जा सकते। वे अपना मुकदमा कैसे लड़ेंगे!”
पीडीपी प्रमुख ने यह भी सवाल उठाया कि अदालत ने इस मामले का स्वतः संज्ञान क्यों नहीं लिया।