कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के तहत कोच्चि में छठा डिप्टी-एनएसए स्तर की वार्ता संपन्न

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 07-07-2022
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के तहत कोच्चि में छठा डिप्टी-एनएसए स्तर की वार्ता संपन्न
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के तहत कोच्चि में छठा डिप्टी-एनएसए स्तर की वार्ता संपन्न

 

आवाज- द वॉयस ब्यूरो/ कोच्चि

कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के छठे डिप्टी-एनएसए स्तर की बातचीत में सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. गुरुवार को यह बैठक कोच्चि में संपन्न हुई.

इसमें पांचवें एनएसए स्तर की बैठक में लिए गए निर्णयों पर निम्नलिखित पांच स्तंभों पर चर्चा की गई है. इसमें समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद और कट्टरवाद का मुकाबला, अवैध व्यापार और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध का मुकाबला, साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी का संरक्षण, मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे मुद्दे शामिल हैं.

गुरुवार को कोच्चि में आयोजित छठे उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक में भारत, मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका सहित कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामलि हुए. गुरुवार को आयोजित इस सम्मेलन में बांग्लादेश और सेशेल्स के प्रतिनिधिमंडलों ने पर्यवेक्षकों के रूप में भाग लिया.

इस सम्मेलन में भारत के डिप्टी एनएसए विक्रम मिश्री, मालदीव के विदेश सचिव अहमद लतीफ, मॉरीशस के प्रधानमंत्री कार्यालय में सुरक्षा मामलों के प्रधान समन्वयकयोइडिस्टेर थेका शामलि थे. श्रीलंका की तरफ से जनरल शैवेंद्र सिल्वा इस आयोजन में प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

श्रीलंका में कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के सचिवालय का प्रतिनिधित्व कार्यवाहक श्रीलंकाई नौसेना के सचिव कमोडोर एम.एच. निशांत पीरिस कर रहे थे. बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल वाकर उज़ ज़मानने किया, जबकि सेशेल्स का प्रतिनिधित्व एच.ई. साइमन अर्चेंज डाइन, सेशेल्स रक्षा बलों के चीफ ऑफ स्टाफ कर रहे थे.

सम्मेलन के भागीदार देशों ने 2022-23 के लिए सहयोग के लिए रोडमैप के कार्यान्वयन और मालदीव में 9-10 मार्च 2022 को कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन की 5वीं एनएसए स्तर की बैठक में लिए गए निर्णयों पर निम्नलिखित पांच स्तंभों पर चर्चा की:

• समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा

• आतंकवाद और कट्टरवाद का मुकाबला

• अवैध व्यापार और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध का मुकाबला

• साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी का संरक्षण

• मानवीय सहायता और आपदा राहत