Singed by Operation Sindoor, Pakistan's Deputy PM now seeks "composite dialogue" with India
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में नौ आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट करने और उसके कई हवाई अड्डों को नुकसान पहुँचाने के कुछ दिनों बाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने सभी विवादास्पद मामलों को सुलझाने के लिए भारत के साथ "समग्र वार्ता" का आह्वान किया है. उनका यह बयान पाकिस्तान और भारत के बीच शत्रुता समाप्त करने पर सहमति के बाद आया है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सीनेट में बोलते हुए, उन्होंने दावा किया कि सैन्य-से-सैन्य संचार के माध्यम से युद्ध विराम को 18 मई तक बढ़ा दिया गया है. भारतीय पक्ष ने अभी तक इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है. इसके बाद इशाक डार ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के बीच समस्याओं को हल करने के लिए अंततः राजनीतिक वार्ता ही करनी होगी.
इशाक डार ने कहा, "हमने दुनिया को बताया है कि हम एक समग्र वार्ता करेंगे." हालांकि भारत का रुख दृढ़ है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया है कि भविष्य में कोई भी चर्चा आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर तक ही सीमित रहेगी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं वैश्विक समुदाय को यह भी बताना चाहूंगा कि हमारी घोषित नीति रही है: अगर पाकिस्तान के साथ बातचीत होगी, तो वह केवल आतंकवाद पर होगी; और अगर पाकिस्तान के साथ बातचीत होगी, तो वह केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर होगी." प्रधानमंत्री मोदी ने चेतावनी दी कि आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन उसके पतन का कारण बन सकता है.
उन्होंने कहा कि आतंकवादी ढांचे को नष्ट किए बिना शांति प्राप्त करना असंभव है. उन्होंने कहा, "जिस तरह से पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है, वह एक दिन पाकिस्तान को नष्ट कर देगी. अगर पाकिस्तान को बचना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को नष्ट करना होगा. शांति का कोई और रास्ता नहीं है." पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए.
पहलगाम हमले के जवाब में, 7 मई की तड़के भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में नौ आतंकी स्थलों को निशाना बनाया गया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू और कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके बाद भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के एयरबेसों में रडार बुनियादी ढांचे, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया. 10 मई को, भारत और पाकिस्तान शत्रुता समाप्त करने पर एक समझ पर पहुँचे.