जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने किश्तवाड़ का दौरा किया; रटल, दुलहस्ती जलविद्युत परियोजनाओं का निरीक्षण किया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 16-05-2025
J-K Chief Secretary visits Kishtwar; inspects Rattle, Dul Hasti Hydroelectric Power projects
J-K Chief Secretary visits Kishtwar; inspects Rattle, Dul Hasti Hydroelectric Power projects

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने शुक्रवार को किश्तवाड़ जिले का दौरा किया और 850 मेगावाट रैटल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट और 390 मेगावाट डुल हस्ती हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन सहित दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं के चल रहे कार्यों और परिचालन स्थिति का निरीक्षण किया. मुख्य सचिव के साथ विद्युत विकास विभाग के प्रमुख सचिव एच. राजेश प्रसाद, जेकेपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक राहुल यादव, किश्तवाड़ के उपायुक्त राजेश कुमार शवन के साथ नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और विद्युत परियोजना अधिकारियों के प्रतिनिधि भी थे. 
 
द्राबशल्ला ब्लॉक में स्थित रैटल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट में मुख्य सचिव को पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजना की वर्तमान स्थिति और प्रगति के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने निर्माण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की, पावर इनटेक स्ट्रक्चर, कॉफर डैम, अंडरग्राउंड पावरहाउस कॉम्प्लेक्स, टेल रेज्ड टनल का दौरा किया और विभिन्न परियोजना घटकों के कार्यान्वयन की स्थिति का आकलन किया. मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को काम की गति में तेजी लाने और परियोजना को समय पर पूरा करने के निर्देश जारी किए. उन्होंने प्रमुख परिचालन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करते हुए गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने पर जोर दिया. मुख्य सचिव ने दुलहस्ती हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन का भी दौरा किया और इसके चल रहे संचालन का निरीक्षण किया. 
 
उन्होंने परियोजना अधिकारियों के साथ बातचीत की, परिचालन दक्षता की समीक्षा की और प्रदर्शन को बढ़ाने और लंबित मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए. बाद में, मुख्य सचिव ने किश्तवाड़ में सभी बिजली परियोजनाओं के एनएचपीसी, सीवीपीपीएल और एचओपी के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस अवसर पर किश्तवाड़ के उपायुक्त राजेश कुमार शवन के अलावा जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. 
 
इससे पहले 14 मई को, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन हाल ही में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से हुई गोलाबारी से प्रभावित सीमावर्ती क्षेत्रों में नुकसान का सक्रिय रूप से आकलन कर रहा है और राहत प्रयासों में तेजी ला रहा है. डुल्लू ने मंगलवार को कहा, "आपने देखा कि नियंत्रण रेखा के पार से गोलाबारी ने नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया है. कई लोग घायल हुए हैं, कई लोगों ने अपने पशुधन खो दिए हैं और उनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं." सीमा सुरक्षा ढांचे पर अपडेट देते हुए डुल्लू ने कहा, "जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में करीब 9,500 बंकर हैं. लेकिन अभी भी और बंकरों की मांग बनी हुई है, इसलिए हम और बंकर बनाएंगे और बंकरों की कोई कमी नहीं होगी." भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त होने के समझौते के बाद, जम्मू और कश्मीर में जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो गया.