जम्मू-कश्मीर: Pak की भीषण गोलाबारी से नौशेरा में तबाही के निशान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 16-05-2025
J-K: Intense shelling by Pak leaves behind trail of destrcution in Nowshera
J-K: Intense shelling by Pak leaves behind trail of destrcution in Nowshera

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
भारत के साथ हाल ही में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान द्वारा की गई भीषण गोलाबारी ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार सीमावर्ती गांवों और जिलों में तबाही मचा दी है, जिससे स्थानीय लोगों के घरों और आजीविका को नुकसान पहुंचा है. रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों को नौशेरा जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में उनके पशुधन, संपत्तियों और मुख्य रूप से उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचा है.
 
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने राजौरी जिले में एलओसी के पास सीमावर्ती गांवों का दौरा किया और हाल ही में हुई शत्रुता से प्रभावित निवासियों से बातचीत की. यह दौरा 7 मई को चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर के नागरिक क्षेत्रों में पाकिस्तान द्वारा की गई निर्मम गोलाबारी के बाद किया गया है. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में किया गया था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोग मारे गए थे.
 
अपने दौरे के दौरान, चौधरी ने कहा कि लोगों से मिलने-जुलने का यह अभियान मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप था, जिसमें लोगों के बीच, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे. चौधरी ने कहा, "सीएम के निर्देश हैं कि हमें लोगों के बीच रहना है. वह सीमावर्ती इलाकों में भी हैं." स्थानीय लोगों की सहनशक्ति के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, "लोगों ने नुकसान तो झेला है, लेकिन उनका हौसला बुलंद है. युद्ध की बात करने वाले लोग गोलाबारी होने पर सबसे पहले भाग खड़े हुए. लेकिन सीमा पर रहने वाले लोग बहादुर देशभक्त हैं. 
 
उन्होंने सब कुछ झेला, लेकिन पीछे नहीं हटे." इस बीच, सीमावर्ती गांवों में रहने वाले स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सरकार उन्हें क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा दे. उन्होंने भारत सरकार से यह भी आग्रह किया है कि वह पाकिस्तान को उसके दुस्साहस के लिए "नहीं बख्शे". नौशेरा के एक गांव के स्थानीय निवासी विजय कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन की पूरी जमा पूंजी घर बनाने में खर्च कर दी, जो पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है. 
 
उन्होंने कहा कि सरकार को उन लोगों को मुआवजा देना चाहिए, जिनके गांव में गोलाबारी के कारण घरों को नुकसान पहुंचा है. कुमार ने एएनआई को बताया, "मैं सेना से सेवानिवृत्त हूं और हम तीन भाई हैं, जिन्होंने मिलकर अपने घर बनाए हैं. 2002, 2004 और 2005 में गोलाबारी हुई थी. हालांकि, इसके कारण हम कभी अपना घर छोड़कर नहीं गए. यह पहली बार है जब हमें भागना पड़ा है. अन्यथा, हम सभी मर जाते." 7 मई की सुबह, भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के अंदरूनी इलाकों में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए.